Uttarakhand Disaster: उत्तराखंड ने आपदा क्षति की भरपाई हेतु केंद्र से 5702 करोड़ की विशेष सहायता मांगी

Uttarakhand Disaster: उत्तराखंड ने आपदा क्षति की भरपाई हेतु केंद्र से 5702 करोड़ की विशेष सहायता मांगी
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने वर्ष 2025 के मानसून के दौरान हुई भारी तबाही और क्षति की भरपाई के लिए भारत सरकार से 5702.15 करोड़ रुपए की विशेष वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के आपदा प्रबंधन प्रभाग को विस्तृत ज्ञापन भेजा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष प्राकृतिक आपदा से राज्य की विभिन्न विभागीय परिसंपत्तियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। लोक निर्माण विभाग और सार्वजनिक सड़कों को लगभग 1163.84 करोड़ रुपए की क्षति हुई है, सिंचाई विभाग को 266.65 करोड़, ऊर्जा विभाग को 123.17 करोड़, स्वास्थ्य विभाग को 4.57 करोड़, विद्यालयी शिक्षा विभाग को 68.28 करोड़, उच्च शिक्षा विभाग को 9.04 करोड़, मत्स्य विभाग को 2.55 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग को 65.50 करोड़, शहरी विकास विभाग को 4 करोड़, पशुपालन विभाग को 23.06 करोड़ तथा अन्य विभागीय परिसंपत्तियों को 213.46 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इस प्रकार सभी विभागों को सीधे तौर पर लगभग 1944.15 करोड़ रुपए की क्षति का अनुमान लगाया गया है।
सचिव ने बताया कि इन परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति के लिए 1944.15 करोड़ रुपए की तत्काल आवश्यकता है। इसके साथ ही अनेक मार्ग, भवन, आबादी वाले क्षेत्र और अन्य अवस्थापना संरचनाएं आपदा से प्रभावित होने के खतरे में हैं जिन्हें स्थिर करने और बचाने के लिए 3758 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सहायता की मांग की गई है। इस प्रकार कुल 5702.15 करोड़ रुपए की धनराशि केंद्र सरकार से उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया गया है, जिससे आपदा प्रभावित परिसंपत्तियों की मरम्मत, पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति कार्य किए जा सकें तथा भविष्य में संभावित भारी नुकसान से बचाव सुनिश्चित किया जा सके।
आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच प्राकृतिक आपदाओं में 79 लोगों की मौत हो चुकी है, 115 लोग घायल हुए हैं और 90 लोग अब भी लापता हैं। इसके अलावा 3953 छोटे और बड़े पशुओं की मृत्यु हुई है। भवनों को भी भारी नुकसान पहुंचा है, जिनमें 238 पक्के और 2 कच्चे भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। 2835 पक्के और 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त अनेक व्यावसायिक भवन, दुकानें, होटल, होमस्टे, रेस्टोरेंट और अन्य संरचनाएं भी आपदा की चपेट में आकर नुकसान का शिकार हुई हैं।
राज्य सरकार का कहना है कि यदि केंद्र से यह सहायता शीघ्र उपलब्ध हो जाती है तो न केवल प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण कार्य तेजी से हो पाएंगे बल्कि भविष्य में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से जनता और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा भी बेहतर की जा सकेगी।