Uttarakhand Silver Jubilee: उत्तराखण्ड रजत जयंती वर्ष पर हिमालय निनाद उत्सव-2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया
Uttarakhand Silver Jubilee: उत्तराखण्ड रजत जयंती वर्ष पर हिमालय निनाद उत्सव-2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया
उत्तराखण्ड, 07 नवंबर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर हिमालयन संस्कृति केंद्र, गढ़ी कैंट, देहरादून में आयोजित हिमालय निनाद उत्सव-2025 में शिरकत की और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
वृद्ध एवं आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों के लिए बड़ी घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्होंने अपना जीवन कला, संस्कृति और साहित्य की आराधना में लगा दिया, परंतु वृद्धावस्था या स्वास्थ्य कारणों से जीविकोपार्जन में असमर्थ हो गए हैं, उनके लिए मासिक पेंशन 3,000 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये मासिक की जाएगी।

सांस्कृतिक दलों के कलाकारों का मानदेय और व्यवस्थाएं
उन्होंने घोषणा की कि संस्कृति विभाग के अंतर्गत सूचीबद्ध सांस्कृतिक दलों के कलाकारों का मानदेय एवं अन्य व्यवस्थाएं भारत सरकार के नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर की तर्ज पर प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा प्रदेश में समस्त जनपद स्तर पर प्रेक्षागृह का निर्माण और एक राज्य स्तरीय संग्रहालय एवं कुमाऊं और गढ़वाल मण्डल में एक-एक मण्डलस्तरीय संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उत्सव केवल सांस्कृतिक समारोह नहीं, बल्कि हिमालय की आत्मा, उसकी विविध परंपराओं और साझा चेतना का उत्सव है। उन्होंने विभिन्न हिमालयी क्षेत्रों की परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा कि तिब्बत की आध्यात्मिक परंपराएं, अरुणाचल और मणिपुर के जनजातीय गीत, हिमाचल का खोड़ा नृत्य, असम का बिहू और लद्दाख का जोब्रा नृत्य इस मंच को जीवंत बना रहे हैं।

निनाद-2025 परिचर्चा सत्र और संस्कृति का महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिचर्चा सत्रों ने आयोजन को और भी अर्थपूर्ण बनाया। इसमें हिमालय में रंगमंच, उत्तराखण्ड का सिनेमा व समाज, लोक भाषा व संस्कृति, नंदा राजजात व खानपान, विरासत और उत्तराधिकार जैसे विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। इससे स्पष्ट होता है कि हमारी संस्कृति केवल परंपरा में नहीं बल्कि रचनात्मक विमर्श और नवाचार में भी जीवित है।
महान आत्माओं को नमन और नई पीढ़ी को प्रेरणा

मुख्यमंत्री ने उन महान व्यक्तियों को नमन किया जिन्होंने उत्तराखण्ड राज्य के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि उनकी स्मृति हमें याद दिलाती है कि यह राज्य कठिनाइयों, बलिदानों और जनसमर्पण के बाद मिला है। उनकी यादों को संजोना और नई पीढ़ी को प्रेरित करना हम सबका कर्तव्य है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद व शास्त्रीय नृत्यांगना पद्म विभूषण सोनल मानसिंह, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, उपाध्यक्ष संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद मधु भट्ट, संस्कृति सचिव श्री युगल किशोर पंत सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।