Uttarakhand: संजीवनी हेली एम्बुलेंस बनी उत्तराखंड की जीवन रक्षक सेवा
60 से अधिक लोगों को अब तक एयरलिफ्ट कर बचाई गई जान
देहरादून, उत्तराखंड सरकार की संजीवनी हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सेवा राज्य के दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में जीवन रक्षक साबित हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह देश की पहली निशुल्क हेली एम्बुलेंस सेवा है, जिसे 29 अक्टूबर 2024 को एम्स ऋषिकेश के माध्यम से शुरू किया गया था। अब तक यह सेवा 74 घंटे 12 मिनट की उड़ान में 60 से अधिक गंभीर रोगियों को एयरलिफ्ट कर चुकी है।
आपदा, दुर्घटना और आपात चिकित्सा में अहम मदद
संजीवनी हेली सेवा खासकर सड़क दुर्घटनाओं, गर्भावस्था की जटिल स्थितियों, भूस्खलन, बाढ़ और अन्य आपात स्थितियों में त्वरित राहत प्रदान कर रही है। आंकड़ों के मुताबिक अब तक
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23 मरीज सड़क दुर्घटनाओं के
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18 गर्भवती महिलाएं
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19 अन्य मेडिकल इमरजेंसी के मरीज इस सेवा के माध्यम से एयरलिफ्ट किए जा चुके हैं।
बड़ी घटनाओं में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
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5 नवम्बर 2024 को अल्मोड़ा बस दुर्घटना
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1 मार्च 2025 को जोशीमठ हिमस्खलन
जैसी बड़ी घटनाओं में भी हेली सेवा ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और घायलों को समय पर चिकित्सा सुविधा दिलाई।
मुनस्यारी से उड़ान नहीं भर पाने का मामला
11 जुलाई 2025, मुनस्यारी (धापा गांव), पिथौरागढ़ में जहरीले मशरूम के सेवन से पीड़ित महिला और उसकी नातिन के लिए हेलीकॉप्टर भेजा गया था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण उड़ान संभव नहीं हो पाई।
UCADA ने तुरंत स्वीकृति दी थी, लेकिन DGCA मानकों के अनुसार अंतिम अनुमति मौसम की अनुकूलता पर निर्भर होती है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिलाधिकारी द्वारा आपात मांग पर प्राथमिकता से हेली सेवा दी जाएगी, लेकिन उड़ान सुरक्षा मानकों के अनुसार ही होगी।
उत्तराखंड बना अग्रणी राज्य
इस पहल के साथ उत्तराखंड देश के उन गिने-चुने राज्यों में शामिल हो गया है जहां पहाड़ी इलाकों में हेली एम्बुलेंस सेवा 24×7 अलर्ट मोड पर उपलब्ध है। सरकार का उद्देश्य है कि विकट भौगोलिक परिस्थितियों में भी कोई भी व्यक्ति समय पर इलाज से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:
“संजीवनी हेली एम्बुलेंस ने उत्तराखंड के हजारों परिवारों को नया जीवन दिया है। हम इस सेवा को और मजबूत कर रहे हैं, जिससे हर नागरिक को समय पर चिकित्सा मिल सके, चाहे वह कहीं भी हो।”