Uttarakhand Rail Projects: उत्तराखंड को तीन नई रेल परियोजनाओं की सौगात, केंद्र ने दी 40,384 करोड़ रुपये की स्वीकृति

Uttarakhand Rail Projects: उत्तराखंड को तीन नई रेल परियोजनाओं की सौगात, केंद्र ने दी 40,384 करोड़ रुपये की स्वीकृति
उत्तराखंड को रेलवे कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक प्रगति मिली है। केंद्र सरकार ने राज्य के लिए तीन महत्वपूर्ण नई रेल परियोजनाओं को कुल 40,384 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी है। ये परियोजनाएं उत्तराखंड को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर रेल संपर्क प्रदान करेंगी और राज्य की भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद रेलवे बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करेंगी।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में उत्तराखंड से सांसद अजय भट्ट के सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में आंशिक और पूर्ण रूप से आने वाली इन तीन रेल लाइनों की कुल लंबाई 216 किलोमीटर है, जिनमें से 16 किमी पर सेवा शुरू हो चुकी है। अब तक इन परियोजनाओं पर ₹19,898 करोड़ का व्यय हो चुका है, और मार्च 2025 तक इन पर और तेज़ी से कार्य किया जाएगा।
रेल मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्ष 2009 से 2014 के बीच उत्तराखंड के लिए रेल परियोजनाओं पर औसतन मात्र ₹187 करोड़ प्रति वर्ष का बजट आवंटित होता था, जबकि वर्ष 2025-26 में यह राशि बढ़ाकर ₹4,641 करोड़ कर दी गई है — यानी पूर्व बजट की तुलना में 25 गुना अधिक।
देवबंद-रुड़की रेल परियोजना
27 किलोमीटर लंबी देवबंद-रुड़की नई रेल लाइन, जो हाल ही में पूरी हुई है, एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इसके माध्यम से दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी 40 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को कम समय में और सुविधाजनक यात्रा मिलेगी।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन
125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। यह रेल लाइन न केवल धार्मिक और पर्यटन दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण देवप्रयाग और कर्णप्रयाग को जोड़ेगी, बल्कि पूरे उत्तराखंड को दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों से भी रेलमार्ग द्वारा जोड़ेगी।
इस परियोजना में कुल 16 मुख्य सुरंगों (105 किमी) और 12 एस्केप सुरंगों (98 किमी) का निर्माण किया जा रहा है। अब तक 13 मुख्य सुरंगें और 9 एस्केप सुरंगें बनकर तैयार हो चुकी हैं। इस भारी-भरकम इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 8 प्रवेश मार्गों की पहचान कर सुरंगों के भीतर अतिरिक्त कार्यक्षेत्रों का निर्माण भी किया गया है, ताकि कार्य की गति और गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित की जा सके।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे ने पहली बार हिमालयी भूगर्भीय स्थितियों में 14.8 किमी लंबी सुरंग का सफल निर्माण भी पूरा कर लिया है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक इंजीनियरिंग उपलब्धि है।
हालिया स्वीकृत योजनाएं
पिछले तीन वित्तीय वर्षों — 2022-23, 2023-24 और 2024-25 — के दौरान उत्तराखंड में 146 किमी लंबी दो नई रेल लाइनों और एक रेलवे विद्युतीकरण योजना को मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य में रेल ढांचे को मजबूती मिलेगी और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। उत्तराखंड में हो रहे इन रेल विकास कार्यों से न केवल स्थानीय पर्यटन और धार्मिक यात्रा को बल मिलेगा, बल्कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी आर्थिक विकास, रोजगार और व्यापार के नए अवसर पैदा होंगे।