Uttarakhand Government: मुख्यमंत्री ने “सोशल मीडिया मंथन” कार्यक्रम को किया संबोधित
Uttarakhand Government: मुख्यमंत्री ने “सोशल मीडिया मंथन” कार्यक्रम को किया संबोधित
सीएम बोले—ब्रांड उत्तराखंड को मजबूत करें सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स और इन्फ्लुएंसर्स से अपील की कि वे अपने कंटेंट में उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों, स्थानीय उत्पादों, सांस्कृतिक धरोहरों और सामाजिक उपलब्धियों को प्रमुखता से उजागर करें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर फेक न्यूज और नकारात्मक नैरेटिव का प्रभावी जवाब भी दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री धामी बुधवार को मुख्य सेवक सदन में आयोजित “सोशल मीडिया मंथन” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया संचार और सूचना के आदान-प्रदान का सबसे तेज और सशक्त माध्यम बन चुका है। दुनिया में कहीं भी बैठा व्यक्ति अपने विचार पल भर में वैश्विक स्तर पर साझा कर सकता है। यही कारण है कि किसी बड़ी घटना से लेकर किसी गांव की छोटी समस्या तक—सब कुछ कुछ ही सेकंड में लाखों लोगों तक पहुँच जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को शासन व्यवस्था का केंद्रीय हिस्सा बनाया। सोशल मीडिया ने संवाद, पारदर्शिता और नागरिकों की भागीदारी को मजबूत किया है। मोदी जी ने X, फेसबुक, ‘मन की बात’, माईगॉव और पीएमओ के डिजिटल इकोसिस्टम के माध्यम से भारत में डिजिटल गवर्नेंस की नई मिसाल स्थापित की है। वे विश्व के सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले नेताओं में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार भी “डिजिटल उत्तराखंड” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर सभी विभाग जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं। पहले शिकायत करने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, जबकि आज एक ट्वीट या फेसबुक संदेश से समस्याओं का निस्तारण तुरंत हो जाता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे स्वयं रोज सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर आने वाली शिकायतों और सुझावों की निगरानी करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार एक पोस्ट या लाइव वीडियो से किसी बच्चे का इलाज हुआ, किसी बुजुर्ग की पेंशन बहाल हुई, किसी सड़क की मरम्मत हुई या आपदा में फंसे लोगों की मदद संभव हो पाई। लेकिन दूसरी तरफ सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी बढ़ रहा है—फेक न्यूज, अफवाहें और नकारात्मक नैरेटिव समाज को भ्रमित कर रहे हैं। कुछ लोग सोशल मीडिया की शक्ति का उपयोग समाज में विभाजन पैदा करने और सरकार की योजनाओं को लेकर झूठ फैलाने के लिए कर रहे हैं। ऐसे समय में जिम्मेदार सोशल मीडिया वॉरियर्स की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में कुछ धर्म-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी मानसिकता के लोग फेक कंटेंट के जरिए धार्मिक आस्था और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में भ्रामक पोस्ट का तुरंत फैक्ट-चेक और सही जानकारी का प्रसार आवश्यक है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कुछ नेगेटिव कंटेंट क्रिएटर्स लाइक और व्यूज के लिए सरकार, समाज और धर्म से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करते हैं। लेकिन लोकप्रियता की इस दौड़ में नैतिक जिम्मेदारी और सामाजिक कर्तव्य का ध्यान रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब से राज्य सरकार ने देवभूमि की मूल पहचान को सुरक्षित रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, तब से राष्ट्र-विरोधी तत्व और अर्बन नक्सल गैंग फर्जी अकाउंट बनाकर फेक नैरेटिव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
अंत में मुख्यमंत्री ने सभी कंटेंट क्रिएटर्स और इन्फ्लुएंसर्स से अपील की कि वे अपने वीडियो, ब्लॉग और पोस्ट में उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों, स्थानीय उत्पादों, संस्कृति और सामाजिक उपलब्धियों को अधिक स्थान दें। इससे “ब्रांड उत्तराखंड” और मजबूत होगा।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।