Uttarakhand Divyang Pension: उत्तराखंड में दिव्यांग पेंशन योजना को सरलीकृत करने का बड़ा फैसला, अब 20 वर्ष से अधिक आयु के पुत्र/पौत्र वाले दिव्यांग भी होंगे पात्र

Uttarakhand Divyang Pension: उत्तराखंड में दिव्यांग पेंशन योजना को सरलीकृत करने का बड़ा फैसला, अब 20 वर्ष से अधिक आयु के पुत्र/पौत्र वाले दिव्यांग भी होंगे पात्र
उत्तराखंड सरकार ने सामाजिक कल्याण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिव्यांग पेंशन योजना को और अधिक समावेशी और सरल बना दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अनुपालन में यह निर्णय लिया गया है कि अब वृद्धावस्था पेंशन योजना की भांति दिव्यांग पेंशन योजना को भी सरलीकृत किया जाएगा। इस पहल से प्रदेश के हजारों दिव्यांगजनों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है, जिन्हें अब तक तकनीकी कारणों से पेंशन से वंचित रहना पड़ता था।
मुख्यमंत्री धामी ने यह घोषणा की थी कि ऐसे सभी दिव्यांगजन, जिनके पुत्र या पौत्र की आयु 20 वर्ष या उससे अधिक है, वे भी अब पेंशन के लिए पात्र होंगे। इस निर्णय से पहले, 20 वर्ष या उससे अधिक आयु के संतान वाले दिव्यांगजनों को पेंशन में कठिनाई का सामना करना पड़ता था, क्योंकि यह माना जाता था कि उनके पास देखभाल करने के लिए सक्षम परिजन हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस रूढ़िवादी व्यवस्था को तोड़ते हुए यह स्पष्ट किया कि वास्तविक आवश्यकता और व्यक्ति की स्वयं की आय को आधार बनाया जाना चाहिए, न कि पारिवारिक संरचना को।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में समाज कल्याण विभाग ने तत्काल प्रभाव से आदेश जारी कर दिए हैं। सचिव समाज कल्याण डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी ने निदेशक समाज कल्याण को भेजे एक पत्र में यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में दिव्यांग पेंशन योजना के अंतर्गत अब ऐसे सभी लाभार्थी, जिनकी मासिक आय ₹4000 या उससे कम है, वे इस योजना के लिए पात्र माने जाएंगे – भले ही उनके पुत्र या पौत्र की उम्र 20 वर्ष से अधिक हो। इसके साथ ही बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के दिव्यांगजन भी इस पात्रता में सम्मिलित रहेंगे, चाहे उनके परिवार में कोई वयस्क संतान हो।
सरकार का यह निर्णय न सिर्फ सामाजिक न्याय की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, बल्कि यह दिव्यांग समुदाय के आत्मसम्मान और स्वतंत्र जीवन के अधिकार को भी मजबूती प्रदान करता है। समाज कल्याण विभाग को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इस व्यवस्था को पूरे राज्य में तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए और किसी भी पात्र व्यक्ति को पेंशन प्राप्त करने में अड़चन न आए।