• July 17, 2025

MPACS को ग्रोथ सेंटर बनाएं, एनआरएलएम से जोड़ें: मुख्य सचिव आनंद बर्धन का सहकारिता विभाग को निर्देश

 MPACS को ग्रोथ सेंटर बनाएं, एनआरएलएम से जोड़ें: मुख्य सचिव आनंद बर्धन का सहकारिता विभाग को निर्देश
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MPACS को ग्रोथ सेंटर बनाएं, एनआरएलएम से जोड़ें: मुख्य सचिव आनंद बर्धन का सहकारिता विभाग को निर्देश

उत्तराखंड में सहकारिता आंदोलन को और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने मंगलवार को सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (MPACS) को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित किया जाए और इन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) से जोड़ा जाए ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों को एकीकृत सेवाएं एक ही मंच पर प्राप्त हो सकें।

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि लाभार्थियों को सहकारिता विभाग से संबंधित सभी सेवाओं का लाभ डिजिटल रूप से एक प्लेटफॉर्म पर मिले, इसके लिए कंप्यूटरीकरण की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के संचालन में नवाचार को प्राथमिकता दी जाए और MPACS को एग्रीकल्चर प्रोड्यूसिंग ऑर्गनाइजेशन (APO) के रूप में सक्षम बनाने हेतु नाबार्ड से सहयोग लिया जाए।

बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य की 672 MPACS और 331 जिला/राज्य सहकारी बैंक शाखाओं के माध्यम से अल्पकालीन व मध्यकालीन ऋण वितरण की गति को बढ़ाया जाए। यह ऋण कृषि, पशुपालन और स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अहम हैं।

बैठक में विभागीय अधिकारियों ने अवगत कराया कि राज्य में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना, स्टेट मिलेट मिशन, मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना और मोटरसाइकिल टैक्सी योजना जैसे कई नवाचारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत अक्टूबर 2017 से अब तक 11,09,389 लाभार्थियों और 6190 स्वयं सहायता समूहों को 6747.64 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2024–25 के लिए 1706 करोड़ रुपये के अल्पकालीन और 445 करोड़ रुपये के मध्यकालीन ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

MPACS के माध्यम से किसानों को उनकी कृषि उत्पादन बढ़ाने हेतु 13,513 मीट्रिक टन रासायनिक/जैविक उर्वरक वितरण का लक्ष्य रखा गया है। मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूं खरीद के लिए इस वर्ष 266.3 मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित है।

राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत सहकारिता, मत्स्य, भेड़-बकरी पालन और डेयरी क्षेत्र में जनपद स्तर पर गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं। स्टेट मिलेट मिशन योजना के तहत राज्य सहकारी संघ ने 9499 किसानों से 31,716.87 क्विंटल मंडुवा (रागी) की खरीद कर उन्हें 13.59 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

मुख्यमंत्री घस्यारी योजना के अंतर्गत अब तक 60,387 मीट्रिक टन पशु आहार वितरित कर 52,273 पशुपालकों को लाभ पहुँचाया गया है। वहीं मोटरसाइकिल टैक्सी योजना के अंतर्गत सहकारी बैंकों के माध्यम से 309 लाभार्थियों को 386.04 लाख रुपये का ब्याजमुक्त ऋण वितरित किया गया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी योजनाएं यदि सही दिशा में और डिजिटल प्रणाली से चलाई जाएं तो सहकारिता क्षेत्र राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। बैठक में सचिव वी वी आर सी पुरुषोत्तम, अपर सचिव मेहरबान सिंह बिष्ट समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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