Uttarakhand: PM मोदी से मिले सीएम पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड को विकास योजनाओं के लिए मिला सहयोग का आश्वासन
नई दिल्ली, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की, जिसमें राज्य के दीर्घकालिक विकास, बुनियादी ढांचे, धार्मिक पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित कई अहम विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। यह मुलाकात उत्तराखंड को विकसित भारत 2047 के विजन में एक मजबूत भागीदार के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को राज्य में चल रही विकास योजनाओं और आगामी परियोजनाओं की जानकारी दी और केंद्र सरकार द्वारा अब तक दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक सम्मान — जिनमें 27 देशों द्वारा दिया गया सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी शामिल है — हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर का प्रतिरूप, आदि कैलाश यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक, और उत्तराखंड के विशेष स्थानीय उत्पादों जैसे धारचूला का घी, पुरोला का लाल चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और शहद भेंट किए।
बैठक में धामी ने विशेष रूप से केंद्र सरकार का ध्यान कुछ प्रमुख परियोजनाओं की ओर आकृष्ट किया — जैसे उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमीकंडक्टर हब में परिवर्तित करना, दिल्ली–मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तार देना, और टनकपुर–बागेश्वर व ऋषिकेश–उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण की स्वीकृति।
सीएम ने 2026 में आयोजित होने जा रही ऐतिहासिक नंदा राजजात यात्रा के लिए भी विशेष अनुरोध किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते हुए इस पर्वतीय धार्मिक यात्रा के लिए पर्यावरण-संवेदनशील आधारभूत सुविधाएं विकसित करने हेतु 400 करोड़ रुपये की मांग की। साथ ही 2027 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए भी केंद्र से 3,500 करोड़ रुपये की सहायता मांगी, ताकि पुल, पेयजल, पार्किंग, ट्रांसपोर्ट, शौचालय जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं समय पर सुनिश्चित की जा सकें।
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश व हरिद्वार में विद्युत लाइनों को भूमिगत करने और पूरी व्यवस्था को स्वचालित करने के लिए 1,015 करोड़ रुपये की डीपीआर को आरडीएसएस योजना में स्वीकृत करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रसिद्ध चौरासी कुटिया को पुराने गौरवशाली रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से अनुमोदन की भी मांग की।
एक बड़ी जल परियोजना के तहत मुख्यमंत्री ने हिम-आधारित पिंडर नदी को वर्षा आधारित कोसी, गगास, गोमती और गरुड़ नदियों से जोड़ने के लिए एक लिंक परियोजना का प्रस्ताव दिया, जिससे तीन जिलों के 625 गांवों और पांच शहरों की कुल 3 लाख से अधिक आबादी को पेयजल और सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने इस परियोजना को केंद्र सरकार की विशेष योजना में शामिल करने का अनुरोध किया।
धामी ने प्रधानमंत्री से कुल 596 मेगावाट की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति भी मांगी, जो कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के अनुरूप हैं।