Uttarakhand: आपदा प्रबंधन पर मुख्यमंत्री धामी का बड़ा बयान, चार जिले रेड अलर्ट पर, पूरे प्रदेश को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश

Uttarakhand: आपदा प्रबंधन पर मुख्यमंत्री धामी का बड़ा बयान, चार जिले रेड अलर्ट पर, पूरे प्रदेश को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश
देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और उससे उत्पन्न आपदा की संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्य के चार जिले रेड जोन, पांच जिले ऑरेंज जोन, और चार जिले येलो जोन में हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी ज़िला अधिकारियों, आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों और संस्थाओं को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने सभी जनपदों के अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से बात की है और सभी को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए हैं। जहां भी सड़कें बंद हो रही हैं, उन्हें शीघ्र खुलवाया जा रहा है। नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि NDRF और SDRF की टीमें भी अलर्ट पर हैं और राहत-बचाव के सभी कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम सभा, तहसील, पटवारी क्षेत्र, परगना और ब्लॉक स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया गया है ताकि किसी भी स्थिति में स्थानीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
धामी ने पिछली आपदाओं का हवाला देते हुए कहा, “पिछले वर्षों में रातभर बारिश होने के बाद कई इलाकों में सुबह आठ से दस फीट पानी घरों में घुस गया था, जिसकी जानकारी लोगों को तब लगी जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। कई स्थानों पर घरों की छतें काटकर लोगों को बचाना पड़ा। उन अनुभवों से हमने सीखा है और अब राज्य प्रशासन पहले से ही पूरी तैयारी में जुटा है।”
उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद सुमन के माध्यम से सभी ज़िलों को विस्तृत गाइडलाइन भेजी गई है ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में स्थानीय समिति त्वरित निर्णय ले सके।
स्थापना दिवस के लिए ‘गेम चेंजर’ योजनाओं की समीक्षा भी जारी
मुख्यमंत्री ने राज्य के 25वें स्थापना दिवस की तैयारियों के तहत विभिन्न विभागों की योजनाओं की समीक्षा भी की। उन्होंने बताया कि शहरी विकास, ग्रामीण विकास और आईटी विभागों के कार्यों की समीक्षा की जा रही है ताकि जनसेवा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “हमारी कई महिलाएं छोटे-छोटे उत्पाद बनाती हैं, जिन्हें बाज़ार में उचित स्थान दिलाने के लिए काम किया जा रहा है। राज्य में चल रहे इनक्यूबेटर सेंटर को अब ‘उद्यमशाला’ नाम दिया गया है। इन प्रशिक्षण केंद्रों में स्थानीय लोगों को उद्यमिता का प्रशिक्षण देकर उन्हें बाज़ार से जोड़ने पर ज़ोर दिया जा रहा है।”
आईटी विभाग की योजनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि एक ऐसा डिजिटल मॉडल तैयार किया जा रहा है, जिससे पूरे प्रदेश के लोगों को त्वरित सेवाएं मिल सकें। इसके लिए एक एकीकृत मोबाइल एप पर भी कार्य चल रहा है, जिससे सारी योजनाओं और सेवाओं की जानकारी प्रदेशवासियों को एक ही मंच पर उपलब्ध हो सके।