Uttarakhand: हरिद्वार में सीएम धामी ने लिया नदी संरक्षण का संकल्प, ‘नदी उत्सव’ में की मां गंगा की आराधना
हरिद्वार, 4 जुलाई 2025 – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कार्यकाल के चार सफल वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हरिद्वार के पावन हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड में मां गंगा की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि, शांति और प्रगति की कामना की। इस अवसर पर आयोजित “नदी उत्सव” कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नदियों की स्वच्छता, संरक्षण और महत्ता को रेखांकित करते हुए एकजुट होकर जल संरक्षण के संकल्प को दोहराया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियां केवल जल की धाराएं नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और संस्कृति की वाहक हैं। उन्होंने बताया कि नदियों ने न केवल हमारी सभ्यता को दिशा दी है, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक जीवन को भी पोषित किया है। सीएम धामी ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि आज जब दुनिया जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है, तब जल संसाधनों का संरक्षण और नदियों की निर्मलता पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे नदियों को ‘मां’ का दर्जा देकर उनका आदर करें और उनमें किसी भी प्रकार का प्रदूषण न करें। उन्होंने कहा कि यह हमारी नैतिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और जीवनदायिनी नदियां सौंपें। मुख्यमंत्री और वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से नदियों को प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया।
इस आयोजन के दौरान मां गंगा की विधिवत पूजा आचार्य अमित शास्त्री द्वारा कराई गई। गंगा आरती के इस पावन अवसर पर हर की पौड़ी का वातावरण भक्ति और आस्था से ओतप्रोत हो गया।
मुख्यमंत्री धामी का स्वागत श्री गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणि और अन्य पदाधिकारियों ने पारंपरिक विधि से किया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, स्थानीय श्रद्धालुओं, प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक संगठनों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, विधायक मदन कौशिक और आदेश चौहान, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
नदी उत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि यह सरकार की उस दूरदर्शिता का प्रमाण भी बना, जिसमें पर्यावरण संरक्षण को जनआंदोलन बनाने की सोच स्पष्ट दिखाई देती है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक चेतना है, जो हर नागरिक के मन में नदियों के प्रति श्रद्धा और संरक्षण का भाव जागृत करेगा।