Uttarakhand: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने की विभागों की व्यापक समीक्षा, पूंजीगत व्यय और योजनाओं में तेजी के निर्देश

Uttarakhand: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने की विभागों की व्यापक समीक्षा, पूंजीगत व्यय और योजनाओं में तेजी के निर्देश
उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने आज सचिवालय में विभिन्न योजनाओं और प्रोजेक्ट्स की प्रगति की गहन समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में उन्होंने पूंजीगत व्यय, केंद्र सहायतित योजनाएं, वाह्य सहायतित परियोजनाएं, नाबार्ड योजनाएं, की परफॉर्मेंस इंडीकेटर्स (KPI) और की आउटकम इंडीकेटर्स (KOI) को लेकर 36 विभागों की कार्यप्रगति का जायजा लिया। इससे पहले मुख्य सचिव ने 12 अन्य विभागों की भी समीक्षा की थी।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे सितंबर माह तक पूंजीगत बजट का न्यूनतम 50 प्रतिशत व्यय सुनिश्चित करें। इसके लिए वर्कप्लान तैयार कर नियोजन विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि 15 अगस्त तक सभी प्रस्ताव विभागों द्वारा अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किए जाएं ताकि नियोजन और बजटीय क्रियान्वयन समयबद्ध हो सके।
आनंद बर्द्धन ने समयबद्ध लक्ष्य प्राप्ति के लिए नियमित समीक्षा प्रणाली को आवश्यक बताते हुए सचिवों और विभागाध्यक्षों से पाक्षिक और साप्ताहिक समीक्षा करने को कहा। उन्होंने जल जीवन मिशन और पेयजल विभाग को निर्देशित किया कि प्रदेश में पेयजल की गुणवत्ता को लेकर पारदर्शिता बढ़ाई जाए। इसके तहत उन्होंने प्रत्येक डिस्ट्रीब्यूशन टैंक के पास पानी की गुणवत्ता की जानकारी साप्ताहिक रूप से सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का तंत्र विकसित करने की बात कही। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य को ‘Zero RO’ की दिशा में आगे बढ़ाना है ताकि शुद्ध और संतुलित खनिज युक्त पेयजल आमजन को उपलब्ध हो सके।
सिंचाई विभाग को सौंग बांध परियोजना में तेजी लाने का निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने उसे प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट्स की सूची में रखा। उन्होंने वन विभाग को अगले 15 दिनों में सर्वाइवल नॉर्म्स में संशोधन कर उसे फिर से परिभाषित करने को कहा। साथ ही बायो फेंसिंग को प्रभावी बनाने के लिए मॉडल फेंसिंग साइट का निर्माण करने के भी निर्देश दिए।
पर्यटन क्षेत्र के विकास को लेकर भी विशेष निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने कहा कि ईको पार्क से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि, पर्वतारोहण और ट्रैकिंग गतिविधियों से जुड़ी उपलब्धियों को ‘की आउटकम इंडीकेटर’ (KOI) के रूप में दर्ज किया जाए ताकि योजनाओं की सफलता को आंकड़ों के साथ प्रस्तुत किया जा सके।
परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरों की संख्या बढ़ाने तथा एसपीवी (Special Purpose Vehicle) को शीघ्र शुरू करने पर बल दिया। साथ ही चालानों की बिलिंग और संग्रहण की क्षमता को बेहतर करने के निर्देश भी दिए ताकि यातायात नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ राजस्व भी बढ़ाया जा सके।
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, सचिव कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर सचिव हिमांशु खुराना, मनमोहन मैनाली समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक राज्य के प्रशासनिक तंत्र को अधिक दक्ष, जवाबदेह और परिणामोन्मुख बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल मानी जा रही है।