Uttarakhand Budget 2025: उत्तराखण्ड में अनुपूरक बजट पेश, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया समावेशी और सतत विकास का रोडमैप

Uttarakhand Budget 2025: उत्तराखण्ड में अनुपूरक बजट पेश, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया समावेशी और सतत विकास का रोडमैप
भराड़ीसैंण (गैरसैंण): मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज विधानसभा सत्र के दौरान उत्तराखण्ड का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कुल 5,315 करोड़ रुपए के इस बजट को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह बजट केवल आंकड़ों का दस्तावेज नहीं है, बल्कि राज्य में सतत विकास, समावेशी विकास, नवाचार और आर्थिक सुदृढ़ता सुनिश्चित करने का संकल्प है। उनका कहना था कि इसका मुख्य फोकस राज्य की मानव पूंजी में निवेश और हर वर्ग के समावेशी विकास पर है। उन्होंने कहा कि किसानों, श्रमिकों, गरीबों, महिलाओं, युवाओं, सुरक्षा बलों और पत्रकारों सहित सभी वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया है।
धामी ने बताया कि बजट में विद्युत टैरिफ सब्सिडी, स्वास्थ्य योजनाओं, प्रधानमंत्री आवास योजना, पुलिसकर्मियों के आवास, तीमारदारों के विश्राम गृह तथा शहीद और पत्रकार कल्याण कोष के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं। साथ ही, आपदा न्यूनीकरण और पर्यावरणीय संतुलन को भी प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि भू-धसाव, भूकंप जोखिम, स्प्रिंग मैपिंग और आपदा राहत के लिए प्रभावी बजटीय प्रावधान शामिल किए गए हैं, ताकि इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बना रहे।
मुख्यमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि रिस्पना-बिन्दाल एलिवेटेड रोड, पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार, कुंभ मेला अवसंरचना और पर्यटन विकास को विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश को योग नगरी और हरिद्वार को आध्यात्मिक पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके अलावा, नन्दा राजजात यात्रा और शारदा रिवर फ्रंट जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों को भी सशक्त किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अनुपूरक बजट नए उत्तराखण्ड की दिशा में एक और मजबूत कदम है। उन्होंने राज्य की जनता से अपील की कि वे इस विकास यात्रा में सरकार के साथ सहयोग करें और प्रदेश को समावेशी और सतत विकास की राह पर अग्रसर बनाने में योगदान दें।