Uttarakhand Ayurveda: उत्तराखंड को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र बनाना लक्ष्य, मुख्यमंत्री ने PGICON-2025 का उद्घाटन किया
Uttarakhand Ayurveda: उत्तराखंड को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र बनाना लक्ष्य, मुख्यमंत्री ने PGICON-2025 का उद्घाटन किया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नैनीताल जिले के भुजियाघाट स्थित काया आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन PGICON-2025 का उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन पाल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, हल्द्वानी ने WHO कोलेबोरेटिंग सेंटर फॉर इमरजेंसी एंड ट्रॉमा केयर, JPNATC, एम्स नई दिल्ली के सहयोग से किया। उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद के महत्व और उत्तराखंड में इसे वैश्विक स्तर पर विकसित करने के दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि निरोगी और संतुलित जीवन जीने का दर्शन है। हमारे ऋषि-मुनियों ने स्वास्थ्य को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन की अवस्था बताया था और यही आयुर्वेद का मूल उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद से आयुर्वेद को नई वैश्विक पहचान मिली है और उत्तराखंड सरकार भी इसी दिशा में राज्य को Global Centre of Ayurveda and Wellness के रूप में विकसित करने के प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड सदैव से योग, औषधियों और जड़ी-बूटियों की भूमि रही है। यहां की पर्वतीय वनस्पतियां आयुर्वेद को मजबूत आधार प्रदान करती हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य उत्तराखंड को वेलनेस टूरिज्म और प्राकृतिक चिकित्सा का प्रमुख केंद्र बनाना है। इसके लिए आयुर्वेदिक कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और योग ग्रामों को सशक्त किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी की कि राज्य में दो आर्थिक-सांस्कृतिक स्पेशल जोन स्थापित किए जाएंगे, जिनमें एक गढ़वाल मंडल में और दूसरा कुमाऊँ मंडल में होगा। इन केंद्रों के माध्यम से योग, आयुर्वेद, ध्यान, आध्यात्मिक पर्यटन और पारंपरिक चिकित्सा से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल राज्य को आध्यात्मिक और वेलनेस अर्थव्यवस्था के नए मॉडल के रूप में विकसित करेगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता के अवसर पैदा करेगी।

इस अवसर पर सांसद अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद और आयुष के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहलें की गई हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और इसे जन-जन तक पहुंचाना हमारा दायित्व है। विधायक बंशीधर भगत ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा का माध्यम नहीं, बल्कि भारतीय जीवन पद्धति और ज्ञान परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने गर्व व्यक्त किया कि उत्तराखंड जैसी औषधीय संपदा से परिपूर्ण भूमि में ऐसे सम्मेलन आयोजित हो रहे हैं, जो युवाओं और शोधकर्ताओं को आयुर्वेद के अध्ययन और अनुसंधान के लिए प्रेरित करेंगे।
कार्यक्रम में विधायक नैनीताल सरिता आर्या, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, मंडी परिषद अध्यक्ष अनिल कपूर (डब्बू), दर्जा राज्य मंत्री शंकर कोरंगा, नवीन वर्मा, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत, आईजी कुमाऊँ रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी नैनीताल ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल मंजूनाथ टी.सी. और पाल ग्रुप के प्रतिनिधि सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।
इस सम्मेलन के माध्यम से आयुर्वेद के वैज्ञानिक अध्ययन, नवाचार और वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अग्रणी बने और यह क्षेत्र युवाओं के लिए रोजगार, स्वास्थ्य और निवेश के नए अवसर पैदा करे।