Uttarakhand Assembly Session: राष्ट्रपति के अभिभाषण में निखरे महिला उत्थान के रंग, सरकार के प्रयासों को मिला प्रोत्साहन
Uttarakhand Assembly Session: राष्ट्रपति के अभिभाषण में निखरे महिला उत्थान के रंग, सरकार के प्रयासों को मिला प्रोत्साहन
उत्तराखंड विधानसभा में महिला सशक्तिकरण की गूंज
उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में सोमवार का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने अभिभाषण से न केवल उत्तराखंड की स्थापना की रजत जयंती को विशेष बना दिया, बल्कि महिला सशक्तिकरण के संदेश से पूरे सदन को ऊर्जा से भर दिया। यह अवसर और भी खास था क्योंकि एक दिन पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्व विजेता बनने की उपलब्धि ने देशभर को गर्व से भर दिया था। इन सभी सकारात्मक भावनाओं के बीच, राष्ट्रपति का संबोधन महिला उत्थान, शिक्षा और समानता के रंगों से सजा हुआ रहा।
महिलाओं की उपलब्धियों को दिया सम्मान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने अभिभाषण में उत्तराखंड की बेटियों और महिलाओं की भूमिका को विशेष सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं ने हमेशा संघर्ष, संवेदना और शक्ति का प्रतीक बनकर समाज को दिशा दी है। उन्होंने पुरानी पीढ़ी की स्वर्गीय गौरा देवी से लेकर नई पीढ़ी की वंदना कटारिया तक के योगदान का उल्लेख करते हुए राज्य की नारी शक्ति को प्रेरणा का स्रोत बताया। साथ ही, राष्ट्रपति ने उत्तराखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली स्वर्गीय सुशीला बलूनी, पर्वतारोही बछेंद्री पाल और समाजसेवी राधा भट्ट जैसी हस्तियों का भी जिक्र किया, जिन्होंने राज्य की पहचान को ऊंचा उठाया।
महिला शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष बल
राष्ट्रपति ने राज्य में महिला शिक्षा के विस्तार और मातृ-शिशु मृत्यु दर में आई कमी पर सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं। इन पहलों से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच बढ़ी है, बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
पहली महिला स्पीकर पर गर्व जताया
राष्ट्रपति मुर्मु ने विधानसभा की पहली महिला स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण के कार्यकाल की प्रशंसा की और कहा कि उत्तराखंड ने इस नियुक्ति के माध्यम से इतिहास रचा है। उन्होंने विधानसभा में महिलाओं की संख्या में और वृद्धि की अपेक्षा जताई ताकि निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी और सशक्त हो सके।
सीएम धामी के संबोधन पर राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन की शुरुआत भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्व विजेता बनने की खुशी से की। उन्होंने जैसे ही बेटियों को बधाई दी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी सदन के साथ ताली बजाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। यह पल विधानसभा में मौजूद सभी लोगों के लिए गर्व और भावनाओं से भरा रहा।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर चर्चा
अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति मुर्मु ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 44 का हवाला देते हुए समानता और एकरूपता की भावना को मजबूत करने की बात कही। राष्ट्रपति ने यूसीसी कानून को लागू करने में योगदान देने वाले सभी सदस्यों की सराहना की और कहा कि यह उत्तराखंड की प्रगतिशील सोच और संवैधानिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
नारी शक्ति को समर्पित रहा उत्तराखंड का गौरवमय सत्र
राष्ट्रपति के संबोधन ने विधानसभा के इस विशेष सत्र को नारी शक्ति और समानता के संदेश से ओतप्रोत कर दिया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी भी समाज का सशक्तिकरण तभी संभव है जब महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, नेतृत्व और अधिकारों के क्षेत्र में समान रूप से भागीदारी निभाएं। यह दिन उत्तराखंड की प्रगति और नारी उत्थान की यात्रा में एक प्रेरणादायक अध्याय बनकर दर्ज हो गया।