• December 12, 2025

Uttarakhand: हर्बल इकोनॉमी को बढ़ाने के लिए बड़ा कदम, गांवों में क्लस्टर आधारित हर्बल विकास पर जोर – CM Pushkar Singh Dhami

 Uttarakhand: हर्बल इकोनॉमी को बढ़ाने के लिए बड़ा कदम, गांवों में क्लस्टर आधारित हर्बल विकास पर जोर – CM Pushkar Singh Dhami
Sharing Is Caring:

Uttarakhand: हर्बल इकोनॉमी को बढ़ाने के लिए बड़ा कदम, गांवों में क्लस्टर आधारित हर्बल विकास पर जोर – CM Pushkar Singh Dhami

देहरादून: उत्तराखंड में हर्बल और औषधीय उत्पादों के व्यवस्थित और वैज्ञानिक विकास को लेकर राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सचिवालय में आयोजित जड़ी–बूटी सलाहकार समिति की उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में क्लस्टर बनाकर हर्बल क्षेत्र में संगठित रूप से कार्य किया जाए, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार, आर्थिक वृद्धि और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध जड़ी–बूटियाँ, हर्बल पौधे और औषधीय संसाधन उत्तराखंड की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन सकते हैं, और इसलिए इनका संवर्धन, संरक्षण तथा वैज्ञानिक प्रबंधन आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि जड़ी–बूटी और एरोमा सेक्टर में देश के दो अग्रणी राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन करने के लिए उत्तराखंड से विषय विशेषज्ञों की विशेष टीम भेजी जाए, ताकि उन्नत तकनीक और नवाचारों को राज्य में लागू किया जा सके।

594002564 1160501799586183 2123820053151844975 n 1

मुख्यमंत्री ने कहा कि जड़ी–बूटी क्षेत्र में टर्नओवर बढ़ाने के लिए अनुसंधान, नवाचार, उत्पादन, विपणन और ब्रांडिंग पर समन्वित तरीके से काम किया जाए। उन्होंने जोर दिया कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ें और महिलाओं को मजबूत आर्थिक भूमिका में शामिल किया जाए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि Herbal Products की वैल्यू एडिशन, प्रसंस्करण और प्रशिक्षण प्रणाली को मजबूत करने के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाए, ताकि वैज्ञानिक पद्धति के साथ बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक उत्पादन को बढ़ावा मिल सके।

मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की कि पहाड़ी क्षेत्रों में भालू एवं अन्य जंगली जानवरों से फसलों और जनजीवन को नुकसान पहुँच रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि कृषि और वन विभागों की संयुक्त टीमें प्रभावित क्षेत्रों में भेजी जाएं और स्थानीय लोगों को सुरक्षा उपायों तथा फसल संरक्षण के लिए आवश्यक जानकारी और मदद प्रदान करें।

बैठक के दौरान जड़ी–बूटी शोध एवं विकास संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने दुर्लभ औषधीय प्रजातियों के संरक्षण, अनुसंधान, उत्पादन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर विस्तृत प्रस्तुति दी और संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी साझा की।

बैठक में कृषि मंत्री Ganesh Joshi, जड़ी–बूटी सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष Bhuvan Vikram Dabral, Balveer Ghuniyal, प्रमुख सचिव R. K. Sudhanshu, सचिव S. N. Pandey, V. Shanmugam, अपर सचिव Vijay Kumar Jogdande, Vandana, Anuradha Pal सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड हर्बल आधारित अर्थव्यवस्था, जैव विविधता संरक्षण और औषधीय संसाधनों के वैश्विक बाजार में एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरे और राज्य के युवाओं तथा किसानों को नए रोजगार और व्यवसायिक अवसर प्राप्त हों।

Sharing Is Caring:

Admin

https://nirmanshalatimes.com/

A short bio about the author can be here....

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *