Uttarakhand: उत्तराखंड में उपनल कर्मचारियों को जल्द मिलेगा नियमितिकरण का तोहफा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ऐलान

Uttarakhand: उत्तराखंड में उपनल कर्मचारियों को जल्द मिलेगा नियमितिकरण का तोहफा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ऐलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपनल कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए उनके नियमितिकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू किए जाने की घोषणा की है। देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में उपनल कर्मचारी महासंघ द्वारा आयोजित धन्यवाद एवं अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री ने भाग लिया और यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभिनंदन केवल उनका नहीं बल्कि राज्य की सवा करोड़ जनता का है, जिन्होंने उन्हें प्रदेश की सेवा का अवसर प्रदान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार एक ठोस और प्रभावी नीति बनाकर चरणबद्ध तरीके से उपनल के कर्मचारियों को नियमित करेगी, ताकि तय समय सीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से उपनल कर्मियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उनके भीतर आत्मसम्मान की भावना और अधिक प्रबल होगी।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि उपनल के अधिकारी और कर्मचारी कई वर्षों से निष्ठा और ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि धरनों के दौरान उपनल कर्मचारियों पर दर्ज मुकदमों की भी समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार जल्द ही पूर्व सैनिकों की वीरांगनाओं और पुत्रियों को ‘डोण दीदी योजना’ के तहत प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ेगी। साथ ही इस वर्ष से 60 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए नि:शुल्क बद्रीनाथ यात्रा की व्यवस्था भी की जाएगी।
धामी ने अपने भाषण में राज्य सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण, राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, समान नागरिक संहिता और सख्त भू-कानून जैसे अनेक जनहित के फैसले उनकी सरकार ने पूरे किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं एक फौजी के बेटे हैं, इसलिए पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की चुनौतियों को भली-भांति समझते हैं। सरकार अब उन उपनल कर्मचारियों को हर माह प्रोत्साहन भत्ता दे रही है, जिन्हें पहले यह तीन महीने में मिलता था। 10 वर्ष से कम अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को ₹5000 और अधिक अनुभव वालों को ₹6000 प्रति माह दिया जा रहा है।
शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को भी ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दिया गया है। साथ ही शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए आवेदन अवधि को 5 वर्ष तक बढ़ाया गया है। हाल ही में परमवीर चक्र विजेताओं की प्रोत्साहन राशि भी ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹1.5 करोड़ कर दी गई है। राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में शहीदों की स्मृति में सैन्य धाम का निर्माण भी जारी है।
राज्य सरकार ने युद्ध या आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को ₹10 लाख की एकमुश्त सहायता, युद्ध में घायल होकर दिव्यांग हुए सैनिकों को ₹2 लाख की आवासीय सहायता, और सेवारत एवं पूर्व सैनिकों को ₹25 लाख की संपत्ति खरीदने पर 25 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी की छूट देने जैसे निर्णय भी लिए हैं।
समारोह में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार ने उपनल कर्मियों के हित में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। पहले उपनल कर्मचारी की मृत्यु पर परिजनों को ₹15,000 की राशि मिलती थी, जिसे अब ₹1.5 लाख कर दिया गया है। साथ ही उपनल कर्मियों की बेटियों की शादी में अब ₹50,000 की सहायता दी जाएगी।
इस अवसर पर उपनल महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल, महासचिव विनय प्रसाद, एम.डी. ब्रिगेडियर जे.एन. बिष्ट सहित कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार जो कहती है, उसे करके दिखाती है — और उपनल कर्मचारियों का यह सम्मान भी उसी संकल्प का हिस्सा है।