• September 18, 2025

त्रिजुगीनारायण बना ग्लोबल वेडिंग डेस्टिनेशन, 2025 में अब तक 500 शादियां

 त्रिजुगीनारायण बना ग्लोबल वेडिंग डेस्टिनेशन, 2025 में अब तक 500 शादियां
Sharing Is Caring:

त्रिजुगीनारायण बना ग्लोबल वेडिंग डेस्टिनेशन, 2025 में अब तक 500 शादियां

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रिजुगीनारायण मंदिर अब वैश्विक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान बना रहा है। यह वही पौराणिक स्थल है जहां भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। अब देश-विदेश से लोग सनातन परंपराओं के अनुसार विवाह करने यहां पहुंच रहे हैं। शादियों के सीजन में त्रिजुगीनारायण में हर महीने सौ से अधिक विवाह समारोह आयोजित हो रहे हैं और यहां की एडवांस बुकिंग महीने भर पहले ही फुल हो जाती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए बढ़ावा देने की अपील कर चुके हैं, जिसका असर अब साफ नजर आ रहा है। त्रिजुगीनारायण में हो रहे विवाह समारोहों से होटल कारोबारियों, पंडे-पुजारियों, वेडिंग प्लानरों, मांगल टीमों और ढोल-दमौ वादकों समेत सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है। वेडिंग प्लानर रंजना रावत के मुताबिक, 2025 के अप्रैल माह तक ही यहां पांच सौ से ज्यादा शादियां हो चुकी हैं, जबकि पूरे 2024 में कुल छह सौ शादियां दर्ज हुई थीं। उन्होंने बताया कि 7 से 9 मई के बीच सिंगापुर में कार्यरत भारतीय मूल की डॉक्टर प्राची भी यहां विवाह करने पहुंच रही हैं और उन्होंने जीएमवीएन के टूरिस्ट रेस्ट हाउस को बुक किया है।

त्रिजुगीनारायण में अब तक इसरो के वैज्ञानिक से लेकर फिल्म अभिनेत्री चित्रा शुक्ला, कविता कौशिक, निकिता शर्मा, गायक हंसराज रघुवंशी, यूट्यूबर आदर्श सुयाल और गढ़वाली लोकगायक सौरभ मैठाणी जैसी जानी-मानी हस्तियां सात फेरे ले चुकी हैं। यहां विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है और यह वैदिक परंपराओं के अनुसार माता-पिता या अभिभावकों की मौजूदगी में ही संपन्न कराया जाता है। मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद पंचपुरी बताते हैं कि विवाह के लिए मंदिर परिसर में वेदी बनाई जाती है, जहां सात फेरे लिए जाते हैं और फिर अखंड ज्योति के साथ पग फेरा किया जाता है। अन्य विवाह आयोजन पास के होटलों और रिजॉर्ट में होते हैं, जिनकी दक्षिणा दरें स्थानीय पुजारियों द्वारा तय की जाती हैं।

त्रिजुगीनारायण मंदिर का विशेष महत्व है क्योंकि मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु ने स्वयं देवी पार्वती के भाई बनकर शिव-पार्वती के विवाह में कन्यादान किया था। मंदिर प्रांगण की अखंड अग्नि को वही अग्नि माना जाता है जिसके चारों ओर शिव-पार्वती ने सात फेरे लिए थे। इसकी बनावट भी केदारनाथ मंदिर से मेल खाती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के प्रयासों से स्थानीय लोगों को बड़ा लाभ मिला है और सरकार इसे आगे भी हर संभव सहायता देगी। देवभूमि उत्तराखंड अब देश और दुनिया के जोड़ों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Sharing Is Caring:

Admin

https://nirmanshalatimes.com/

A short bio about the author can be here....

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *