Uttarakhand: पेड़ माँ के नाम: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माँ के साथ पौधारोपण कर दिया भावनात्मक पर्यावरण संदेश
उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक नई संवेदनशील पहल को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने व्यक्तिगत उदाहरण से प्रेरक रूप दिया। शनिवार को ‘पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत मुख्यमंत्री ने अपनी माताजी श्रीमती बिशना देवी के साथ मिलकर पौधारोपण किया। यह दृश्य न केवल पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि एक बेटे के अपनी माँ के प्रति प्रेम और श्रद्धा का भी प्रतीक बन गया। मुख्यमंत्री के सुपुत्र दिवाकर ने भी इस अवसर पर पौधा लगाकर इस तीन पीढ़ियों के जुड़ाव को एक प्रेरणादायक संदेश में बदल दिया।
‘पेड़ माँ के नाम’ अभियान का उद्देश्य हर व्यक्ति को अपनी माँ के सम्मान में एक वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित करना है, जिससे पर्यावरण संरक्षण केवल एक सरकारी योजना न रहकर भावनात्मक जुड़ाव के ज़रिए जन-आंदोलन बन सके। यह विचार गहरे स्तर पर माँ और प्रकृति—दोनों को जीवनदायिनी शक्ति के रूप में जोड़ता है।
पौधारोपण के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “माँ जीवन की पहली गुरु होती हैं और पर्यावरण हमें जीवन देता है। माँ और प्रकृति दोनों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है। यह अभियान केवल पौधे लगाने का नहीं, बल्कि उनमें भावनात्मक आत्मीयता जोड़ने का आह्वान है।” उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की कि वे अपनी माताओं के नाम पर एक पौधा अवश्य लगाएँ और उसका पालन-पोषण भी स्वयं करें।
मुख्यमंत्री का यह कदम न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरित करता है, बल्कि समाज में संवेदनशीलता, आदर और जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत करता है। उत्तराखंड जैसे राज्य, जहां की जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरणीय संतुलन पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण हैं, वहाँ इस तरह की भावनात्मक और प्रेरणादायक पहल खास मायने रखती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री समीर सिन्हा और अपर सचिव श्री बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे। प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति यह दर्शाती है कि सरकार इस अभियान को केवल प्रतीकात्मक रूप में नहीं, बल्कि एक नीति-स्तरीय प्राथमिकता के रूप में देख रही है।
यह पहल लोगों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि अगर हम हर खास दिन, खास रिश्ते या किसी महत्वपूर्ण क्षण को पेड़ लगाकर मनाएँ, तो पर्यावरण को कितनी बड़ी राहत मिल सकती है। हर पेड़ न सिर्फ ऑक्सीजन देगा, बल्कि हर इंसान के दिल में एक सजीव स्मृति के रूप में भी जियेगा।
‘पेड़ माँ के नाम’ अभियान अब पूरे उत्तराखंड में तेजी से फैल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा। मुख्यमंत्री धामी की यह पहल साबित करती है कि पर्यावरणीय चेतना केवल भाषणों में नहीं, बल्कि क्रियान्वयन और व्यक्तिगत उदाहरण से पैदा होती है।