World Food India 2025: वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में झारखंड पवेलियन बना आकर्षण का केंद्र

World Food India 2025: वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में झारखंड पवेलियन बना आकर्षण का केंद्र
नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में झारखंड पवेलियन इस बार खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बड़ी संख्या में निवेशक, उद्यमी और आम लोग यहां पहुंचकर झारखंड की पारंपरिक फूड इंडस्ट्री और सुपरफूड्स के बारे में जानकारी ले रहे हैं। झारखंड सरकार ने इस अवसर पर राज्य की समृद्ध खाद्य परंपराओं और उनकी वैश्विक संभावनाओं को रेखांकित करने के लिए विशेष सत्रों का आयोजन किया।
कार्यक्रम के तहत उद्योग विभाग द्वारा “झारखंड इंडिजिनियस सुपरफूड : फ्रॉम लोकल हेरिटेज टू ग्लोबल हेल्थ” विषय पर नॉलेज सेशन आयोजित किया गया। इस सत्र में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबूबकर सिद्दीकी, उद्योग सचिव अरवा राजकमल, जियाडा के प्रबंध निदेशक वरुण रंजन, उद्योग निदेशक विशाल सागर, उद्यमी कुमार अभिषेक उरांव और सलाहकार हिमांशु रंजन मौजूद रहे।
सचिव अबूबकर सिद्दीकी ने कहा कि झारखंड 3.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से लगातार प्रगति कर रहा है। यहां की बड़ी महिला कार्यबल, एफपीओ और विभिन्न उद्यमों से जुड़कर कृषि और खाद्य क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही है।
उद्योग सचिव अरवा राजकमल ने राज्य की भौगोलिक विविधता को झारखंड की सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि महुआ, चिरौंजी और शहद जैसे अनेक प्राकृतिक और पोषक सुपरफूड यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन उत्पादों का उचित प्रसंस्करण और विपणन कर इन्हें वैश्विक बाजार तक पहुंचाया जा सकता है। उनके अनुसार, “झारखंड के पास कच्चा माल, कुशल कार्यबल और सरल उद्यम नीति—तीनों का अद्भुत संयोजन है। इस एक्सपो से राज्य को निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।”
जियाडा के प्रबंध निदेशक वरुण रंजन ने निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य प्लग-एंड-प्ले मॉडल और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से एक सशक्त औद्योगिक इकोसिस्टम तैयार कर रहा है। वहीं, उद्योग निदेशक विशाल सागर ने कहा कि झारखंड की इन्वेस्टमेंट पॉलिसी सभी सेक्टर के लिए सुविधाएं देती है, लेकिन फूड सेक्टर के लिए विशेष प्रोत्साहन जोड़े गए हैं।
उद्यमी कुमार अभिषेक उरांव ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने महुआ के प्रसंस्करण के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा किए और स्थानीय उत्पादों को नए बाजारों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि झारखंड के सुपरफूड्स न केवल पोषण का भंडार हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने की भी क्षमता रखते हैं।