• June 13, 2025

Sunita Devi Success Story: असगरपुर की सुनीता देवी बनीं प्रेरणास्रोत महिला उद्यमी, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना से मिली आत्मनिर्भरता की राह

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Sunita Devi Success Story: असगरपुर की सुनीता देवी बनीं प्रेरणास्रोत महिला उद्यमी, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना से मिली आत्मनिर्भरता की राह

हरिद्वार, 11 जून 2025 — जनपद हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक के छोटे से गाँव असगरपुर की रहने वाली सुनीता देवी ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत के दम पर वह कर दिखाया है जो कई लोगों के लिए सिर्फ सपना होता है। ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से उन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद एक सफल दुग्ध उत्पादन उद्यमी के रूप में पहचान बनाई है। उनकी सफलता आज न केवल असगरपुर, बल्कि पूरे जनपद की ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है।

सुनीता देवी के जीवन में एक समय ऐसा भी था जब संसाधनों की भारी कमी और पति के निधन के बाद की पारिवारिक जिम्मेदारियों ने उनके जीवन को कठिन बना दिया था। थोड़ी-बहुत कृषि भूमि से होने वाली सीमित आय से घर का खर्च चलाना मुश्किल होता जा रहा था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

एक दिन स्वयं सहायता समूह ‘राखी’ की बैठक में उन्होंने ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के बारे में सुना। यह परियोजना ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर देने के लिए चलाई जा रही है। उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए ‘गोरधनपुर’ क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) की बिजनेस प्रमोटर श्रीमती पिंकी से संपर्क किया और अपनी इच्छा साझा की। सुनीता की लगन और उत्साह को देखते हुए उन्हें 35,000 रूपये का बिना ब्याज ऋण स्वीकृत किया गया।

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इस राशि से सुनीता देवी ने एक उन्नत नस्ल की दुधारू गाय खरीदी और एक छोटे स्तर की दुग्ध उत्पादन इकाई की शुरुआत की। उन्होंने पशुपालन विशेषज्ञों से प्रशिक्षण लेकर पशु की देखभाल, पौष्टिक आहार, स्वच्छता और उत्पादन प्रक्रिया की गहराई से जानकारी प्राप्त की। सुनीता ने न सिर्फ दूध निकालने की प्रक्रिया को व्यवस्थित किया बल्कि स्थानीय बाजार में उसकी बिक्री का भी कुशल प्रबंधन किया।

कुछ ही महीनों में उनकी गाय ने पर्याप्त मात्रा में दूध देना शुरू कर दिया और आय में स्थिरता आ गई। आज सुनीता देवी न केवल अपने परिवार का पालन-पोषण कर पा रही हैं, बल्कि नियमित बचत भी कर रही हैं। आर्थिक स्वतंत्रता के साथ-साथ उन्होंने समाज में अपनी अलग पहचान भी बना ली है। गाँव की अन्य महिलाएं अब सुनीता से प्रेरणा लेकर स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो रही हैं।

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