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Rudraprayag Rescue Operation: रुद्रप्रयाग में अतिवृष्टि से आपात स्थिति, 1600 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया

Rudraprayag Rescue Operation: रुद्रप्रयाग में अतिवृष्टि से आपात स्थिति, 1600 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के कारण उत्पन्न आपात स्थिति से निपटने के लिए राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। गुरुवार तड़के से ही विभिन्न विभागों की टीमें सक्रिय हैं। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि अब तक केदारनाथ धाम की ओर से आने वाले करीब 1600 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। राहत की बात यह है कि इस पूरी घटना में अभी तक किसी प्रकार की जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, आपदाग्रस्त ग्रामीणों को आवश्यक मदद उपलब्ध कराने और प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित पुनर्वास की प्रक्रिया अपनाने के आदेश दिए हैं।
बीती रात लगभग 1 बजे से सुबह 4 बजे के बीच रुद्रप्रयाग की चमेली, रूमसी, चमरारा तोक और विजयनगर क्षेत्रों में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले में मलबे और पानी का भारी प्रवाह हुआ। इससे कई संपर्क मार्गों, भवनों, गौशालाओं और शौचालयों को नुकसान पहुंचा। लगभग 8 से 10 भवनों में मलबा घुस गया। सूचना मिलते ही राहत दल सक्रिय हो गया और प्रभावित इलाकों में तुरंत रवाना किया गया।
सुबह छह बजे से ही आपदा प्रबंधन, राजस्व, लोक निर्माण, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें एकजुट होकर राहत कार्यों में लगी हुई हैं। जेसीबी और अन्य मशीनरी की मदद से मलबा हटाने का कार्य जारी है। प्रभावित लोगों और उनके पशुधन को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रशासन द्वारा राहत शिविर स्थापित कर लोगों को भोजन, चिकित्सा और ठहरने की व्यवस्था कराई गई है।
इसी दौरान, सुबह चार बजे गौरीकुंड के पास केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में भारी भूस्खलन की सूचना मिली। तत्काल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमों ने वैकल्पिक मार्ग बनाकर यात्रियों को सुरक्षित निकाला। अभी तक 1600 यात्रियों को निकाला जा चुका है और करीब 700 अन्य को निकालने की प्रक्रिया चल रही है। मौसम अनुकूल रहने पर सभी बंद मार्गों को आज शाम तक खोल देने की योजना है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से पूरे घटनाक्रम की लगातार निगरानी की जा रही है। सचिव विनोद कुमार सुमन स्वयं राहत कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं और सभी एजेंसियों को निर्देश दे रहे हैं कि राहत और पुनर्वास कार्यों में कोई लापरवाही न हो।
मुख्यमंत्री धामी लगातार घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। उनके कार्यालय द्वारा राहत अभियान की निगरानी की जा रही है और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है। राज्य प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और केवल अधिकृत सूचनाओं पर ही भरोसा करें। किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी राहत केंद्र या कंट्रोल रूम से संपर्क करें।