Ease of Doing Business: उत्तराखण्ड में डीरिग्यूलेशन और ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस पहल की प्रगति की समीक्षा

Ease of Doing Business: उत्तराखण्ड में डीरिग्यूलेशन और ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस पहल की प्रगति की समीक्षा
16 अक्टूबर 2025 को देहरादून में भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय की उच्चस्तरीय टास्क फोर्स ने उत्तराखण्ड राज्य में डीरिग्यूलेशन और ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस पहल की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सचिव मीता राजीवलोचन और उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने संयुक्त रूप से की।
बैठक के दौरान टास्क फोर्स ने डीरिग्यूलेशन फ्रेमवर्क के अंतर्गत चिन्हित प्राथमिक क्षेत्रों में हुई प्रगति पर गहन चर्चा की। इस समीक्षा में विनियमों के सरलीकरण, अनुपालन बोझ में कमी, और निवेश-अनुकूल माहौल बनाने के लिए आगे की रणनीतियों पर विशेष ध्यान दिया गया। टास्क फोर्स ने यह भी देखा कि उत्तराखण्ड सरकार ने विभिन्न विभागों में किस प्रकार से सुधारात्मक कदम उठाए हैं और किस हद तक डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रक्रियाओं का समेकित उपयोग हो रहा है।
माननीय प्रधानमंत्री की पहल पर शुरू की गई यह डीरिग्यूलेशन पहल, जिसे भारत सरकार के कैबिनेट सचिव द्वारा व्यक्तिगत रूप से मॉनिटर किया जा रहा है, राज्यों को भूमि, भवन और निर्माण, श्रम, उपयोगिताएं, अनुमतियां और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में नियमों के सरलीकरण और सुधार में सहायता प्रदान करती है। इसका उद्देश्य राज्य में पारदर्शी, विश्वास-आधारित और व्यवसाय-अनुकूल शासन प्रणाली का निर्माण करना है।
टास्क फोर्स ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सुधारों के क्षेत्र में किए गए सक्रिय प्रयासों की सराहना की और राज्य को अंतरविभागीय समन्वय और डिजिटल एकीकरण को और मजबूत करने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सुधार की गति को निरंतर बनाए रखना राज्य के आर्थिक और निवेशीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव विनय शंकर पांडे, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग डॉ. सौरभ गहरवार सहित वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने राज्य में किए जा रहे सुधारात्मक प्रयासों की जानकारी साझा की और सुझाव भी दिए, ताकि उत्तराखण्ड में व्यवसाय करने की प्रक्रिया और अधिक सरल, त्वरित और पारदर्शी बन सके।