• August 10, 2025

House of Himalayas: मुख्यमंत्री धामी का विकास रोडमैप,  ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड का 2030 तक 100 करोड़ का लक्ष्य, हर विकासखंड में स्मार्ट गांव बनाए जाएंगे

 House of Himalayas: मुख्यमंत्री धामी का विकास रोडमैप,  ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड का 2030 तक 100 करोड़ का लक्ष्य, हर विकासखंड में स्मार्ट गांव बनाए जाएंगे
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House of Himalayas: मुख्यमंत्री धामी का विकास रोडमैप,  ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड का 2030 तक 100 करोड़ का लक्ष्य, हर विकासखंड में स्मार्ट गांव बनाए जाएंगे

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के प्रमुख अंब्रेला ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को विश्व स्तर पर स्थापित करने की दिशा में बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2030 तक इस ब्रांड का टर्नओवर 100 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य तय करते हुए यूनिटी मॉल जैसे राष्ट्रीय प्लेटफार्मों के माध्यम से इसके उत्पादों के सशक्त विपणन की ठोस रणनीति पर काम करने के निर्देश दिए हैं।

सोमवार को सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की प्रमुख योजनाओं—मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना, ग्रोथ सेंटर योजना, हाउस ऑफ हिमालयाज तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस—की गहन समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण उद्यमिता और रोजगार सृजन को नई दिशा देने के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने प्रत्येक विकासखंड में एक-एक स्मार्ट गांव विकसित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन गांवों में मूलभूत सुविधाएं सुलभ हों, और हर परिवार को किसी न किसी रूप में रोजगार से जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के संसाधनों को मजबूत करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। खासकर पलायन करके वापस लौटे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ‘डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम’ को और अधिक प्रभावशाली बनाया जाएगा ताकि योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।

‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसकी गुणवत्ता में कोई समझौता न हो और उत्पादों को बाजार में पेश करते समय व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाया जाए। इस ब्रांड के तहत उत्तराखंड के 150 से अधिक विशिष्ट उत्पादों को जोड़ा जा रहा है, जो न केवल राज्य की संस्कृति और पारंपरिक शिल्प को उजागर करते हैं, बल्कि स्थानीय कारीगरों और किसानों को भी सशक्त बनाते हैं।

ग्रोथ सेंटर्स के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हें केवल उत्पादन इकाई के रूप में नहीं बल्कि कौशल विकास और आर्थिक वृद्धि के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। इसके साथ ही महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी।

समीक्षा बैठक में ग्राम्य विकास विभाग की सचिव राधिका झा ने बताया कि अब तक एक लाख पैंसठ हजार महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और अगले तीन वर्षों में एक लाख और महिलाओं को इस श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के अंतर्गत आगामी तीन वर्षों में 15,000 ग्रामीण उद्यमों को सहयोग दिया जाएगा।

बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव झरना कमठान, अनुराधा पाल, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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