Vocal For Local: दीपावली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की स्थानीय खरीदारी, स्वदेशी को अपनाने का दिया संदेश
Vocal For Local: दीपावली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की स्थानीय खरीदारी, स्वदेशी को अपनाने का दिया संदेश
देहरादून के चकराता रोड पर दीपावली के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय दुकानों से खरीदारी कर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का उदाहरण प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने मिट्टी के दीये, बर्तन और पारंपरिक हस्तनिर्मित वस्तुएं खरीदीं, साथ ही स्थानीय कारीगरों और दुकानदारों से संवाद कर उन्हें उनके कार्य में प्रोत्साहित किया। इस दौरान उन्होंने डिजिटल भुगतान (UPI) के माध्यम से सामान खरीदा और लोगों से आग्रह किया कि वे भी इसी तरह स्थानीय उत्पादों और स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि दीपावली का पर्व केवल रोशनी का नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता और स्थानीय रोजगार को सशक्त करने का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “दीपावली का असली अर्थ तभी सार्थक होता है जब हम अपने देश के कारीगरों और उद्यमियों की मेहनत को सम्मान दें। स्वदेशी अपनाना और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना ही सच्ची दीपावली है। इससे ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बल मिलता है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि छोटे व्यापारियों से की गई हर खरीदारी न केवल उनकी आजीविका को सहारा देती है, बल्कि समाज के आर्थिक ढांचे को भी मजबूत बनाती है। मुख्यमंत्री ने दुकानदारों से बातचीत के दौरान जाना कि इस वर्ष जीएसटी में राहत और लोगों के स्वदेशी उत्पादों की ओर बढ़ते झुकाव के कारण बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दुकानदारों ने बताया कि इस दीपावली में ग्राहकों की भीड़ पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रही है, जिससे बाजारों में रौनक लौट आई है। मुख्यमंत्री ने इस सकारात्मक परिवर्तन पर प्रसन्नता जताई और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का प्रभाव है। लोगों में अब स्थानीय उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ी है और देश में स्वावलंबन की भावना प्रबल हुई है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस दीपावली पर अपने घरों को स्वदेशी मिट्टी के दीयों से सजाएं, भारतीय संस्कृति और परंपरा को आत्मसात करें तथा देश के कारीगरों के श्रम का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि हर दीपक जो किसी कुम्हार के हाथों से बना है, वह केवल मिट्टी का दीया नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की एक ज्योति है। मुख्यमंत्री की इस पहल से स्थानीय बाजारों में उत्साह और हर्ष का माहौल दिखाई दिया। व्यापारियों ने इसे सरकार की लोकल व्यापार के प्रति संवेदनशीलता और सहयोग का प्रतीक बताया। लोगों ने भी मुख्यमंत्री की इस पहल को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि इससे समाज में स्वदेशी उत्पादों की ओर रुझान और अधिक बढ़ेगा।