Punjab: पंजाब में उद्योगों को बड़ी राहत, ओटीएस योजना लागू; 100 प्रतिशत दंड ब्याज माफ

Punjab: पंजाब में उद्योगों को बड़ी राहत, ओटीएस योजना लागू; 100 प्रतिशत दंड ब्याज माफ
पंजाब सरकार ने राज्य के उद्योगपतियों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब लघु उद्योग एवं निर्यात निगम (पीएसआईईसी) के डिफॉल्टर प्लॉट धारकों के लिए एकमुश्त निपटान नीति (ओटीएस) लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में यह कदम उठाया गया, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलने की उम्मीद है। उद्योग एवं व्यापार मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे चार दशकों से लंबित मामलों का समाधान होगा। 3 मार्च 2025 को कैबिनेट द्वारा इस योजना को मंजूरी दी गई थी, और 10 दिनों के भीतर इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, ओटीएस योजना केवल प्लॉट की मूल कीमत और बढ़ी हुई भूमि कीमत पर लागू होगी। इसके तहत 100 प्रतिशत दंड ब्याज माफ किया जाएगा, जबकि केवल 8 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज लिया जाएगा। मूल राशि किसी भी स्थिति में माफ नहीं होगी, और भूमि की बढ़ी हुई कीमत, जिसे पीएसआईईसी द्वारा अदालत के आदेशानुसार चुकाया गया है, किसी भी परिस्थिति में माफ नहीं की जाएगी।
सभी डिफॉल्टर प्लॉट धारकों को 31 दिसंबर 2025 तक अपने बकाए का भुगतान करना होगा। जिन प्लॉटों का आवंटन पहले ही रद्द किया जा चुका है, वे भी बकाया राशि चुकाकर पुनः बहाली करा सकते हैं। प्लॉट बहाली के लिए बढ़ी हुई भूमि कीमत, एक्सटेंशन फीस और हर्जाना (यदि अदालत द्वारा लगाया गया हो) जैसे अन्य शुल्क भी देने होंगे। यदि कोई आवंटी अपील दायर करता है, तो जांच कमेटी की मंजूरी के बाद ही बहाली संभव होगी।
अगर बकाया राशि समय पर जमा नहीं की गई, तो सरकार नियमानुसार वसूली करेगी। यह योजना केवल उन डिफॉल्टर प्लॉट धारकों पर लागू होगी, जिनका मूल आवंटन 1 जनवरी 2020 या उससे पहले हुआ था। इसके तहत पीएसआईईसी द्वारा विकसित सभी औद्योगिक फोकल प्वाइंट्स के औद्योगिक और आवासीय प्लॉट कवर किए जाएंगे।
इस निर्णय से राज्य में औद्योगिक वातावरण को मजबूती मिलेगी और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। लंबे समय से लंबित मामलों के कारण परेशान उद्योगपतियों को राहत मिलेगी, जिससे औद्योगिक गतिविधियों को नया जीवन मिलने की उम्मीद है।