Uttarakhand: जनता की उम्मीदों को मिला भरोसा: सीएम धामी ने फरियादियों को किया खुद फोन, समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई

Uttarakhand: जनता की उम्मीदों को मिला भरोसा: सीएम धामी ने फरियादियों को किया खुद फोन, समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई
देहरादून, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर अपनी जनसंवेदनशीलता का परिचय देते हुए आम नागरिकों की समस्याओं पर व्यक्तिगत रुचि दिखाई। उन्होंने शुक्रवार को अपने कार्यालय को शिकायत पत्र भेजने वाले फरियादियों से स्वयं फोन पर बात की और उनकी परेशानियों को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
फोन कॉल की शुरुआत उन्होंने बेहद आत्मीय अंदाज़ में की – “हैलो, मैं पुष्कर सिंह धामी बोल रहा हूं, आपका पत्र मुझे मिल गया है।” इस संवाद ने न केवल फरियादियों को चौंकाया, बल्कि उनके भीतर सरकार के प्रति विश्वास को और मज़बूत किया।
कर्मचंद की सिंचाई नहर की समस्या का समाधान
डोईवाला तहसील के शेरगढ़ निवासी कर्मचंद ने मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि उनके खेतों तक आने वाली सिंचाई नहर टूट गई है, जिससे खेती प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री ने खुद उन्हें फोन कर आश्वस्त किया कि सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता को इस समस्या के समाधान के लिए निर्देशित कर दिया गया है। आश्वासन पाकर कर्मचंद ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया।
भूमि पर अतिक्रमण को लेकर मेजर सकलानी से संवाद
पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर नरेश कुमार सकलानी ने शिकायत की थी कि कुछ लोग उनकी निजी भूमि पर अतिक्रमण कर लघु सिंचाई नहर बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें फोन कर बताया कि देहरादून के जिलाधिकारी को मामले की त्वरित जांच और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं।
बिल्डर से उत्पीड़न की शिकायत पर कार्रवाई
कैनाल रोड, देहरादून के निवासी धीरेंद्र शुक्ला ने एक बिल्डर द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी थी। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि मामले की जांच के लिए एमडीडीए (Mussoorie Dehradun Development Authority) को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
सड़क समस्या पर विशन दत्त शर्मा को राहत
विकासनगर के दिनकर विहार निवासी विशन दत्त शर्मा ने सड़क निर्माण से संबंधित अपनी परेशानी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताई थी। सीएम धामी ने उन्हें फोन कर सूचित किया कि लोक निर्माण विभाग के सचिव को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
जनता से सीधा संवाद बनी सरकार की पहचान
मुख्यमंत्री ने अन्य फरियादियों से भी संवाद कर सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा – “जनता के पत्र केवल कागज़ के टुकड़े नहीं, बल्कि उम्मीद और विश्वास का प्रतीक होते हैं। ऐसे पत्रों को पढ़कर मैंने यह तय किया कि सीधे नागरिकों से बात करूं और उनकी समस्याओं का हल करूं।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “समाधान ही हमारी सरकार की कार्यशैली की सबसे बड़ी पहचान है। हम जनता की कठिनाइयों के निराकरण को अपना दायित्व समझते हैं और हर शिकायत को गंभीरता से लेते हैं।”
इस मानवीय और संवेदनशील पहल की नागरिकों ने व्यापक सराहना की है। मुख्यमंत्री द्वारा सीधे संवाद और तत्काल निर्देश देने की यह पहल प्रदेश में जन सहभागिता और पारदर्शिता की दिशा में एक सशक्त कदम मानी जा रही है।