Reena Success Story : “एक संकल्प ने बदली तक़दीर, इकबालपुर की रीना बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल”

Reena Success Story : “एक संकल्प ने बदली तक़दीर, इकबालपुर की रीना बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल”
हरिद्वार जनपद के इकबालपुर गांव की निवासी श्रीमती रीना कभी एक आम गृहिणी थीं, जिनका जीवन दिहाड़ी मजदूरी और आर्थिक तंगी के इर्द-गिर्द ही सिमटा हुआ था। एक छोटे से कमरे में पूरे परिवार के साथ जीवन यापन करना उनके लिए न सिर्फ संघर्षपूर्ण था, बल्कि आत्मनिर्भरता की कल्पना भी उनके लिए दूर की बात थी। परंतु उन्होंने हार नहीं मानी।
जीवन में बदलाव की इस प्रेरणादायक यात्रा की शुरुआत तब हुई जब उन्हें “ग्रामोत्थान (REAP) परियोजना” का सहयोग प्राप्त हुआ। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान इस परियोजना द्वारा किए गए सर्वेक्षण में रीना की पहचान एक अल्ट्रा पुअर लाभार्थी के रूप में हुई और उन्हें 35,000 रुपये का दो वर्षों के लिए ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त रीना ने स्वयं अपनी ओर से 5,000 रुपये का योगदान भी किया।
इस प्रारंभिक सहायता और आत्मविश्वास के साथ रीना ने एक सिलाई और कॉस्मेटिक की दुकान शुरू की। आज, यह छोटी सी दुकान उनके सपनों का केंद्र बन चुकी है। वह न सिर्फ कपड़े सिलती हैं, बल्कि महिलाओं के लिए सौंदर्य प्रसाधनों की बिक्री भी करती हैं। इस पहल से वह हर महीने 6,000 से 7,000 रुपये की आय अर्जित कर रही हैं—जो उनकी पिछली आय से कई गुना अधिक है।
रीना की सामाजिक भागीदारी भी उल्लेखनीय है। वह “राधा स्वयं सहायता समूह” की सक्रिय सदस्य हैं और “प्रतिज्ञा महिला ग्राम संगठन” तथा “मंगलमय बहुउद्देश्यीय स्वायत्त सहकारिता” से भी जुड़ी हुई हैं। इन संस्थाओं के माध्यम से वह अन्य महिलाओं को भी प्रोत्साहित कर रही हैं कि वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं।
रीना की यह यात्रा दर्शाती है कि यदि इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी महिला अपने जीवन की दिशा बदल सकती है। ग्रामोत्थान परियोजना ने न सिर्फ उन्हें आर्थिक सहायता दी, बल्कि आत्मविश्वास और सामाजिक पहचान भी प्रदान की। यह कहानी उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का एक जीवंत उदाहरण बनकर उभरी है।