Khadi Mahotsav 2025: नवाचार और परंपरा के संगम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
Khadi Mahotsav 2025: नवाचार और परंपरा के संगम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने हेतु खादी महोत्सव का आयोजन

लखनऊ में 21 नवंबर से 30 नवंबर तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, गोमतीनगर में आयोजित 10 दिवसीय खादी महोत्सव-2025 का भव्य उद्घाटन उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान ने किया। उद्घाटन के दौरान मंत्री ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन किया।
महोत्सव में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 160 से अधिक उद्यमियों और इकाइयों द्वारा खादी और ग्रामोद्योग से निर्मित उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। खादी महात्मा गांधी के स्वावलंबन और स्वतंत्रता आंदोलन की प्रतीक रही है और आज यह केवल एक वस्त्र नहीं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता का मजबूत आधार बन चुकी है। मंत्री सचान ने अपने संबोधन में कहा कि खादी महोत्सव प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत, स्वरोजगार और स्वदेशी अभियान को गति देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
ग्रामीण उद्योग और स्वरोजगार को मिलेगा नई पहचान

मंत्री ने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड वर्तमान में 3,90,000 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2025 में 66,640 युवाओं को टूलकिट प्रदान कर स्वरोजगार से जोड़ा गया है। इसमें दोना मेकिंग मशीन, पॉपकॉर्न मशीन, हनी बॉक्स और विद्युत चालित चाक जैसे उपकरण ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में प्रभावी भूमिका निभा रहे हैं।
इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्यमियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार और चयनित लाभार्थियों को विभिन्न टूलकिट प्रदान किए गए। राज्य स्तरीय उत्कृष्ट इकाइयों के रूप में मेरठ के दीपक कुमार को प्रथम पुरस्कार स्वरूप 40,000 रुपये, गोण्डा की ममता को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 30,000 रुपये और हाथरस के संजय सिंह को तृतीय पुरस्कार स्वरूप 20,000 रुपये प्रदान किए गए।

प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ने बताया कि खादी अब आधुनिक डिजाइनों और तकनीकों के माध्यम से युवाओं की पहली पसंद बन रही है। फैशन शो और संस्थाओं की सहभागिता से खादी को नया स्वरूप मिल रहा है। ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म जैसे अमेज़न और फ्लिपकार्ट के माध्यम से खादी उत्पादों को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों तक पहुँचाया जा रहा है, जिससे कारीगरों की आमदनी बढ़ रही है और उनकी पहचान मजबूत हो रही है।
महोत्सव ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वरोजगार और स्वदेशी उत्पादों को नई दिशा देने का महत्वपूर्ण प्रयास है, जो उत्तर प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास, स्थानीय उद्योगों और पारंपरिक कला को सशक्त बनाने के सतत प्रयासों का प्रतीक है।