• November 21, 2025

Jharkhand Tassar Silk: झारखंड पवेलियन में तसर सिल्क का शानदार प्रदर्शन, महिलाओं ने बढ़ाया राज्य का नेतृत्व

 Jharkhand Tassar Silk: झारखंड पवेलियन में तसर सिल्क का शानदार प्रदर्शन, महिलाओं ने बढ़ाया राज्य का नेतृत्व
Sharing Is Caring:

Jharkhand Tassar Silk: झारखंड पवेलियन में तसर सिल्क का शानदार प्रदर्शन, महिलाओं ने बढ़ाया राज्य का नेतृत्व

नई दिल्ली, भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में झारखंड पवेलियन इस वर्ष विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसका मुख्य कारण है झारखंड का तसर सिल्क उत्पादन में राष्ट्रीय स्तर पर अद्वितीय योगदान। देश में तसर रेशम के कुल उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत झारखंड से आता है, जो राज्य की प्राकृतिक संपदा, कौशल और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की शक्ति का प्रतीक है। यह उपलब्धि न केवल राज्य की उद्योग क्षमता को दर्शाती है, बल्कि महिलाओं की मेहनत और नेतृत्व के माध्यम से उभरती ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कहानी भी बयां करती है।

झारखंड का तसर उद्योग आज स्पष्ट विज़न के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य स्थानीय आजीविका को सुदृढ़ करना, कच्चे रेशम का उत्पादन बढ़ाना, तसर से जुड़े पूरे इकोसिस्टम का निर्माण करना और राज्य को भारत के हस्तशिल्प मानचित्र पर विशेष स्थान दिलाना है।

WhatsApp Image 2025 11 20 at 6.43.02 PM

इसी दृष्टिकोण के तहत झारखंड में वर्तमान में 100 कोकून संरक्षण केंद्र और 40 पूर्ण-सुविधायुक्त परियोजना केंद्र संचालित हो रहे हैं। 2001 में राज्य का कच्चा रेशम उत्पादन 90 मीट्रिक टन था, जो 2024–25 में बढ़कर 1,363 मीट्रिक टन तक पहुँच गया है, जिससे झारखंड देश की तसर राजधानी बन गया है।

इस सफलता के केंद्र में झारखंड की महिलाएँ हैं। तसर उत्पादन में 50–60 प्रतिशत कार्य महिलाओं द्वारा किया जाता है। कोकून प्रसंस्करण से लेकर धागा उत्पादन और तैयार उत्पाद बनाने तक महिलाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से यार्न उत्पादन पूरी तरह महिलाओं द्वारा किया जाता है, जिसने न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि राज्य की तसर अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ के रूप में भी उभारा है।

WhatsApp Image 2025 11 20 at 6.43.02 PM 1

महिलाओं की इस बढ़ती भागीदारी को और सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार, उद्योग विभाग और रेशम निदेशालय ने कई योजनाएँ शुरू की हैं। झारक्राफ्ट और झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) जैसी संस्थाओं के सहयोग से महिलाओं को प्रशिक्षण, रोज़गार और बाज़ार तक पहुँच उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य भर में स्थापित कॉमन फ़ैसिलिटी सेंटर (CFC) में 30–60 महिलाएँ एक साथ उत्पादन, कौशल विकास और प्रशिक्षण गतिविधियों में भाग लेकर स्वरोज़गार और उद्यमिता के अवसर प्राप्त कर रही हैं। युवा रियरर्स और किसानों के लिए सेरीकल्चर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

WhatsApp Image 2025 11 20 at 6.43.03 PM

पवेलियन का मुख्य आकर्षण लाइव डेमो है, जहां तसर कोकून से रेशम धागा निकालने की पारंपरिक प्रक्रिया प्रत्यक्ष रूप में दिखाई जाती है। प्रशिक्षित महिला कारीगर कोकून उबालने से लेकर धागा तैयार करने तक हर चरण की बारीकियों को दर्शाती हैं। साथ ही, “तम्सुम” करघे पर उस धागे से कपड़ा बुनने की कला पेश करता है, जो दर्शकों को तसर उद्योग की समृद्ध विरासत और ग्रामीण महिलाओं की मेहनत का अनुभव कराता है।

झारखंड पवेलियन में झारक्राफ्ट राज्य की ग्रामीण कला, कारीगरी और तसर आधारित हस्तशिल्प को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है। IITF 2025 में प्रदर्शित उत्पाद झारखंड की हस्तशिल्प परंपरा और कारीगरों के आर्थिक सशक्तिकरण की कहानी को प्रभावशाली रूप से बयां करते हैं।

IITF 2025 में झारखंड पवेलियन तसर उत्पादन, महिलाओं की मेहनत और ग्रामीण झारखंड की प्रगति की प्रेरक गाथा को एक ही छत के नीचे जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है। यह प्रदर्शन राज्य की पारंपरिक कला और आधुनिक उद्योग दृष्टिकोण के संतुलन का प्रतीक है और भारत के हस्तशिल्प उद्योग में झारखंड की अग्रणी भूमिका को उजागर करता है।

Sharing Is Caring:

Admin

https://nirmanshalatimes.com/

A short bio about the author can be here....

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *