Jharkhand Pavilion IITF: झारखंड पवेलियन में धूमधाम से मनाई गई धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती और झारखंड स्थापना दिवस
Jharkhand Pavilion IITF: झारखंड पवेलियन में धूमधाम से मनाई गई धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती और झारखंड स्थापना दिवस
नई दिल्ली।
प्रगति मैदान में चल रहे 44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में शनिवार का दिन झारखंड पवेलियन के नाम रहा। मौके था—झारखंड स्थापना दिवस और धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती का। इस विशेष अवसर पर झारखंड पवेलियन में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आगंतुकों ने शामिल होकर झारखंड की संस्कृति, परंपरा और गौरवपूर्ण इतिहास का आनंद लिया।
इसी कड़ी में कार्यालय स्थानिक आयुक्त, झारखंड भवन में भी सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने धरती आबा बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी और स्थापना दिवस का उत्सव मनाया।

धरती आबा बिरसा मुंडा 19वीं सदी के महान आदिवासी नायक थे, जिनका जन्म 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी जिले में हुआ था। वे उलगुलान आंदोलन के अगुवा थे, जिसने आदिवासी समाज को अपनी पहचान, अधिकार और सम्मान के लिए संगठित किया। बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ मुनफ विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। झारखंड में उन्हें धरती आबा के रूप में पूजा जाता है और उनकी जयंती राज्य गौरव का प्रतीक मानी जाती है।

समारोह में झारखंड के उद्योग निदेशक विशाल सागर ने कहा कि यह दिन झारखंड के इतिहास में अत्यंत गर्व का दिन है। 15 नवंबर न केवल बिरसा मुंडा की जयंती है, बल्कि इसी दिन वर्ष 2000 में झारखंड एक नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था। उन्होंने कहा कि राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव दिल्ली में, वह भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के मंच पर मनाना बेहद सम्मान की बात है।
कार्यक्रम में जियाडा के प्रबंध निदेशक वरुण रंजन, झारखंड के कृषि निदेशक भोर सिंह यादव और कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इन सभी ने संयुक्त रूप से इस ऐतिहासिक दिन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए झारखंड की सांस्कृतिक विरासत और विकास यात्रा को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।