Doon University Event: राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन 5 नवंबर को दून विश्वविद्यालय में आयोजित होगा
Doon University Event: राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन 5 नवंबर को दून विश्वविद्यालय में आयोजित होगा
उत्तराखण्ड के राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में प्रवासी उत्तराखण्डियों का एक विशेष सम्मेलन आगामी पांच नवंबर को दून विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाएगा। यह एक दिवसीय सम्मेलन राज्य की 25 वर्षों की यात्रा पर प्रवासी उत्तराखण्डियों के विचार और सुझावों को साझा करने का मंच प्रदान करेगा। इस अवसर पर प्रतिभागी अपने नजरिये से यह बताएंगे कि उत्तराखण्ड को भविष्य में और बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
सम्मेलन के लिए पंजीकरण प्रक्रिया जारी है और यह 24 अक्टूबर 2025 की देर रात तक चलेगी। अभी तक विभिन्न राज्यों के 200 प्रवासी उत्तराखण्डियों ने अपना पंजीकरण कराया है। पंजीकरण प्रवासी उत्तराखंड प्रकोष्ठ की आधिकारिक वेबसाइटwww.pravasiuttarakhandi.uk.gov.inपर जाकर किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2024 में पहला सम्मेलन आयोजित हुआ था, जिसमें 17 राज्यों के 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। इस बार सम्मेलन में प्रतिभागियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रवासी उत्तराखण्डियों को एक मंच पर लाना और उन्हें अपनी मातृभूमि से सक्रिय रूप से जोड़ना है। इसके साथ ही राज्य के विकास में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करना भी इसका लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि पिछले आयोजन का अनुभव बेहद उत्साहजनक रहा और इस बार भी प्रतिभागियों के सुझाव उत्तराखण्ड के विकास का रोड मैप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आर. के सुधांशु ने बताया कि सम्मेलन का आयोजन दून विश्वविद्यालय के नित्यानंद ऑडिटोरियम में सुबह दस बजे शुरू होगा। उद्घाटन समारोह मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा। सम्मेलन दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। पहला सत्र पर्यावरण से संबंधित रहेगा, जिसके लिए वन विभाग के पीसीसीएफ एस.पी सुबुद्धि को नोडल अधिकारी बनाया गया है। दूसरा सत्र स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण से संबंधित होगा, जिसके लिए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इस दौरान मुख्यमंत्री प्रवासी उत्तराखण्डियों के साथ सीधा संवाद करेंगे और उनके सुझावों को सुनकर राज्य के विकास के लिए मार्गदर्शन करेंगे। सम्मेलन के पश्चात शाम को दून विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें राज्य की समृद्ध संस्कृति और कला का प्रदर्शन किया जाएगा।
इस प्रकार यह सम्मेलन न केवल प्रवासी उत्तराखण्डियों को अपनी मातृभूमि से जोड़ने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि राज्य के विकास के लिए उनके विचारों और सुझावों को भी वास्तविक रूप देने में अहम साबित होगा।