IITF 2025 Jharkhand: भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखंड ने प्रदर्शित की अपनी विशिष्टता, फोकस स्टेट के रूप में आकर्षण का केंद्र बना प्रदेश
IITF 2025 Jharkhand: भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखंड ने प्रदर्शित की अपनी विशिष्टता, फोकस स्टेट के रूप में आकर्षण का केंद्र बना प्रदेश
प्रेस विज्ञप्ति
44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का शुभारंभ 14 नवंबर से नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ, जिसमें इस बार झारखंड को फोकस स्टेट के रूप में शामिल किया गया है। देश की सबसे बड़ी प्रदर्शनी–सह–बिक्री इस मेले में सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, अनेक विदेशी देश और कई निजी संस्थान भाग ले रहे हैं। झारखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में इस मंच पर अपनी संस्कृति, कला, सरकारी उपलब्धियों और आर्थिक क्षमताओं को विशेष रूप से प्रस्तुत कर रहा है।

झारखंड पवेलियन का उद्घाटन राज्य सरकार के मंत्री, नगर विकास एवं आवास विभाग, पर्यटन, कला संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग के प्रमुख सुदिव्य कुमार ने किया। इस दौरान उद्योग सचिव अरवा राजकमल, जीडीको के प्रबंध निदेशक वरुण रंजन, उद्योग निदेशक विशाल सागर, संयुक्त निदेशक उद्योग प्रणव कुमार पॉल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

उद्घाटन समारोह में मंत्री ने दीप प्रज्वलित किया और पवेलियन में स्थापित भगवान बिरसा मुंडा और सिद्धो–कान्हो की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया, जहां राज्य के सरकारी विभागों, स्वयं सहायता समूहों, शिल्पकारों और उद्यमियों की प्रस्तुतियों को प्रदर्शित किया गया है। हस्तशिल्प, हाथकरघा, आदिवासी उत्पाद, वन–उपज और स्थानीय कला इस पवेलियन की खास पहचान बन रहे हैं।

मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि झारखंड अब देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है और व्यापार मेला प्रदेश की विशिष्टता दिखाने का सबसे महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने बताया कि मेले की थीम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ है, जिसके अनुरूप झारखंड अपनी सांस्कृतिक विविधता, प्राकृतिक संपदा, औद्योगिक क्षमता और उद्यमिता को वैश्विक पटल पर सामने ला रहा है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि व्यापार मेले में आने वाले आगंतुक झारखंड के स्टालों में प्रदर्शित वस्तुओं, कला, उत्पादों और राज्य की उभरती प्रगति को सराहेंगे। मंत्री ने कहा कि यह पवेलियन न केवल झारखंड को नई पहचान देगा, बल्कि राज्य के कारीगरों, शिल्पकारों, उद्यमियों और छोटे व्यापारियों के लिए भी नए अवसर प्रदान करेगा।
भारत मंडपम में लगा यह राष्ट्रीय मंच झारखंड की उपलब्धियों, परंपराओं और आर्थिक क्षमताओं को देश–दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का ऐतिहासिक अवसर बन गया है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि झारखंड की कला, संस्कृति और उद्योग वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत पहचान स्थापित करें।