Human Wildlife Conflict: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानव–वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए तेज और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए
Human Wildlife Conflict: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानव–वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए तेज और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए
देहरादून में आज सचिवालय में आयोजित वन विभाग की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानव–वन्यजीव संघर्ष से बढ़ती चिंताओं को देखते हुए कई कठोर और प्रभावी कदम लागू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि मानव जीवन सर्वोपरि है, और किसी भी हाल में लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने वन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस के बीच त्वरित और समन्वित कार्रवाई का मॉडल बनाने पर जोर दिया, ताकि किसी भी संघर्ष की सूचना मिलते ही राहत और बचाव टीम बिना देरी के मौके पर पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मानव–वन्यजीव संघर्ष की सूचना मिलते ही 30 मिनट के भीतर वन विभाग की टीम प्रभावित स्थान पर पहुंचना सुनिश्चित करे। इसके लिए संबंधित DFO और RO की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने पौड़ी जिले में बढ़ रही मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए पौड़ी के DFO को तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि जहां जंगली जानवरों का खतरा अधिक है, उन क्षेत्रों में स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा एस्कॉर्ट सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि बच्चे सुरक्षित स्कूल पहुंच सकें और घर लौट सकें।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि संघर्ष की हर घटना में प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाए। साथ ही उन्होंने वन विभाग को दो सप्ताह के भीतर ऐसी नीति तैयार करने का आदेश दिया, जिसके तहत मानव–वन्यजीव संघर्ष में यदि किसी परिवार के कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो जाए, तो उस परिवार को आजीविका से संबंधित कोई आर्थिक परेशानी न उठानी पड़े।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि संघर्ष को कम करने के लिए जरूरी उपकरण, सुरक्षा साधन और तकनीकी संसाधन जिलों को शीघ्र उपलब्ध कराए जाएं। वन्यजीवों की आवाजाही रोकने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीकों जैसे हाई–रिज़ॉल्यूशन कैमरे, मोशन सेंसर और ड्रोन निगरानी का अधिकतम उपयोग किया जाए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि संवेदनशील बस्तियों के आसपास झाड़ियों को विशेष अभियान चलाकर साफ किया जाए, ताकि जंगली जानवर छिपकर हमला न कर सकें। साथ ही ग्रामीणों, बच्चों और महिलाओं में जागरुकता अभियान चलाकर उन्हें जंगली जानवरों की मौजूदगी, व्यवहार और सावधानियों की जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वन विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति मजबूत करे और ग्रामीणों के साथ निरंतर संवाद में रहे, जिससे किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके।
बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पांडेय, सी. रविशंकर, प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा और अपर सचिव हिमांशु खुराना मौजूद रहे।