Hemant Soren Cabinet Decisions: झारखंड कैबिनेट की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कई अहम प्रस्तावों को मिली स्वीकृति

Hemant Soren Cabinet Decisions: झारखंड कैबिनेट की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कई अहम प्रस्तावों को मिली स्वीकृति
रांची, 24 जुलाई 2025 — झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में अनेक जनहितकारी, प्रशासनिक और नीतिगत फैसले लिए गए। इन निर्णयों में वीरगति प्राप्त अर्धसैनिक बलों के आश्रितों को सहायता देने से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, दिव्यांग बच्चों की शिक्षा और रोजगार नियमावली में संशोधन जैसे कई विषय शामिल रहे। बैठक के प्रमुख बिंदुओं का विवरण निम्नलिखित है:
राज्य सरकार ने उग्रवाद और सीमा सुरक्षा में वीरगति को प्राप्त केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के झारखंड निवासी जवानों के आश्रितों को विशेष अनुग्रह अनुदान और अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने की स्वीकृति दी है। यह निर्णय राज्य के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम है।
भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक की वर्ष 2025 की रिपोर्ट (संख्या 3) को विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत किए जाने की स्वीकृति दी गई है, जो निष्पादन और अनुपालन लेखापरीक्षा से संबंधित है।
सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए 30 जून और 31 दिसंबर की कट-ऑफ डेट पर “काल्पनिक वेतनवृद्धि” को मान्यता देने संबंधी नए नियम को लागू करते हुए, पहले के संकल्प को निरस्त किया गया और केंद्र सरकार के कार्यालय ज्ञापन के आलोक में निर्णय लिया गया।
“झारखंड वित्त (अंकेक्षण एवं लेखा) सेवा नियमावली-2025” को मंजूरी दी गई, जो राज्य के वित्तीय प्रशासन को सुदृढ़ करेगा।
स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही बरतने के कारण तीन चिकित्सकों — डॉ. कुमारी रेखा (मुसाबनी), डॉ. रीना कुमारी (बोकारो) और डॉ. वीणा कुमारी एम (कसमार) — को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी दी गई।
डाल्टनगंज न्यायमंडल में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामलों की त्वरित सुनवाई हेतु विशेष न्यायालय के गठन की स्वीकृति प्रदान की गई।
राज्य के पुलिस, उत्पाद सिपाही, कक्षपाल आदि की संयुक्त भर्ती के लिए नई नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई। इसके तहत पूर्व प्रकाशित विज्ञापन को रद्द करते हुए पुराने आवेदकों को शुल्क और उम्र सीमा में छूट देने का निर्णय लिया गया।
“अटल मोहल्ला क्लीनिक” योजना का नाम बदलकर अब “मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लीनिक” कर दिया गया है।
राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में 3712 उर्दू सहायक शिक्षक पदों को प्रत्यर्पित करते हुए अब 4339 नए पद (3287 इण्टरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य और 1052 स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य) सृजित किए गए हैं।
ग्रामीण विकास विभाग को CRISP संस्था के साथ Non-Financial MoU करने की अनुमति दी गई है, जिससे स्वयं सहायता समूहों को आजीविका और क्षमता संवर्धन में मदद मिलेगी।
झारखंड विधि विज्ञान निदेशालय में चौथी श्रेणी के पदों हेतु नई सेवा नियमावली 2025 को स्वीकृति दी गई।
राजकीय श्रावणी मेला 2025 के लिए विधि व्यवस्था बनाए रखने हेतु 28 अस्थायी मेला ओपी और 19 अस्थायी यातायात ओपी की घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई है।
जीएसटी प्रमाण-पत्र को अनिवार्य बनाते हुए भवन निर्माण निबंधन नियमावली और एसबीडी (Standard Bidding Document) में संशोधन की मंजूरी दी गई।
दिव्यांग बच्चों के लिए कार्यरत रिसोर्स पर्सन की स्क्रीनिंग कमिटी में संशोधन की अनुमति दी गई है, जो उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार है।
राज्य के सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को न्यायालयी साक्ष्य देने हेतु यात्रा व्यय की प्रतिपूर्ति करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को समुचित बनाने हेतु “विशेष शिक्षा सहायक आचार्य संवर्ग (नियुक्ति एवं सेवा शर्त) नियमावली, 2025” को स्वीकृति दी गई है।
आयुष स्वास्थ्य सेवा से संबंधित भर्ती एवं प्रोन्नति नियमावली 2024 को संशोधित कर नई स्वीकृति प्रदान की गई।
राज्य में उच्च शिक्षा की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए “झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025” को मंजूरी दी गई।
“मिशन सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0” योजना के अंतर्गत किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषाहार उपलब्ध कराने हेतु MFEDF एजेंसियों को नामित करने की स्वीकृति दी गई, जिसके लिए वित्तीय नियमावली में नियमों को शिथिल किया गया है।
इन सभी निर्णयों से यह स्पष्ट होता है कि झारखंड सरकार राज्य में सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, दिव्यांग सशक्तिकरण और कानून व्यवस्था को प्राथमिकता दे रही है। यह बैठक राज्य के विकास और जनकल्याण की दिशा में एक और सशक्त कदम रही।