Haldwani Sports: उत्तराखंड में पहली बार एशियन कैडेट फेंसिंग कप का भव्य शुभारंभ, 17 देशों के खिलाड़ी पहुंचे हल्द्वानी
उत्तराखंड में खेलों के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। पहली बार राज्य में आयोजित हुए एशियन कैडेट फेंसिंग कप का भव्य उद्घाटन हल्द्वानी में किया गया, जिसमें 17 देशों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आयोजन का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया और इसे खेल संस्कृति को नया मुकाम देने वाला बताया। इस पांच दिवसीय प्रतियोगिता में फेंसिंग के क्षेत्र में युवा खिलाड़ियों की क्षमताओं का प्रदर्शन होगा, जिससे हल्द्वानी अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के केंद्र के रूप में उभरा है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि खेलों में अनुशासन, परिश्रम और सकारात्मक सोच से न केवल व्यक्तिगत सफलता हासिल होती है, बल्कि समाज में भी आदर्श स्थापित होते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को हर क्षेत्र में उत्कृष्ट बनाने के राज्य सरकार के संकल्प में युवा खिलाड़ी महत्वपूर्ण योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से पर्यावरण संरक्षण, पौधारोपण, जल संरक्षण, स्वच्छता और नशामुक्ति के प्रति सजग रहने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि फिट और नशा मुक्त व्यक्ति का संदेश हर युवा तक पहुंचता है और समाज में सकारात्मक प्रभाव डालता है।
उन्होंने राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना और खेल किट योजना जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख किया। इसके साथ ही उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार और हिमालय खेल रत्न पुरस्कार प्रदान कर खिलाड़ियों की उत्कृष्टता का सम्मान किया जा रहा है। राज्य सरकार ने खेल कोटे के तहत राजकीय सेवाओं में 4 प्रतिशत आरक्षण भी लागू किया है, ताकि खिलाड़ियों को उचित अवसर और सम्मान मिल सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय खेल दिवस पर राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50-50 लाख रुपए की सम्मान राशि भी प्रदान की गई। खेलों के समग्र विकास के लिए नई खेल नीति लागू की गई है, जिसके तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी दी जा रही है। पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तार और नई ट्रेनों की व्यवस्था से खेल आयोजनों और पर्यटकों के लिए यातायात सुविधा भी बढ़ाई जा रही है।
सरकार हल्द्वानी में उत्तराखंड का पहला खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने के प्रयास में है। विश्वविद्यालय की स्थापना से खेल शिक्षा में नई पहचान बनेगी और स्पोर्ट्स गतिविधियों से स्थानीय कारोबारियों और पर्यटन क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के खिलाड़ियों ने हाल ही में राष्ट्रीय खेलों में 103 पदक जीतकर देश में सातवां स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए राज्य में 517 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एशियन कैडेट फेंसिंग कप के आयोजन से राज्य अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। खेल लेगेसी प्लान के तहत आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट के प्रयासों से भारत खेलों के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है, और राज्य सरकार भी खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में सक्रिय है।
उन्होंने कहा कि फेंसिंग खेल का भारत में आधुनिक स्वरूप में आरंभ हाल ही में हुआ है। अर्जुन अवॉर्ड विजेता भवानी देवी के प्रदर्शन के बाद इस खेल के प्रति युवाओं में रुचि बढ़ी है। आज भारतीय युवा न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी देश का नाम रौशन कर रहे हैं। फेंसिंग, यानी तलवारबाजी की कला, प्राचीन भारत से चली आ रही है। गुरुकुलों में युवाओं को आत्मरक्षा और युद्धकला की शिक्षा भी दी जाती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी देवभूमि उत्तराखंड को मिली है, जो गर्व का विषय है।
राष्ट्रीय फेंसिंग महासंघ के महासचिव राजीव मेहता ने बताया कि प्रतियोगिता में लगभग 250 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिनमें भारत से लगभग 150 खिलाड़ी शामिल हैं। प्रतियोगिता में तजाकिस्तान, सीरिया, मलेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, प्रमोद नैनवाल, उत्तरांचल ओलंपिक संघ के अध्यक्ष महेश नेगी, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, उत्तराखंड सरकार के अधिकारी और मेयर काशीपुर दीपक बाली सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति, खेल प्रेमी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी उपस्थित रहे।
उत्तराखंड में इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन न केवल खेलों के स्तर को बढ़ाते हैं, बल्कि राज्य को वैश्विक खेल मानचित्र पर भी स्थापित करते हैं। हल्द्वानी में आयोजित यह प्रतियोगिता युवा खिलाड़ियों के लिए अनुभव और प्रेरणा का बड़ा स्रोत साबित होगी और खेल संस्कृति को नई दिशा देगी।