Lado Protsahan Yojana: राजस्थान में बेटी के जन्म पर सरकार देगी 1.5 लाख, जानें कैसे ले सकते है लाभ!

Lado Protsahan Yojana: राजस्थान में बेटी के जन्म पर सरकार देगी 1.5 लाख, जानें कैसे ले सकते है लाभ!
राजस्थान सरकार ने ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ के तहत बेटियों को मिलने वाली आर्थिक सहायता को 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये करने की घोषणा की है। यह ऐलान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किया। इस योजना का उद्देश्य बेटियों को जन्म से लेकर 21 वर्ष की आयु तक आर्थिक रूप से सशक्त करना है, ताकि उनकी शिक्षा और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिल सके। सरकार अप्रैल में इस योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगी, जिससे लाभार्थियों को योजना की प्रक्रिया और पात्रता से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियां मिल सकेंगी। सरकार का मानना है कि इस योजना के तहत बेटियों को आर्थिक संबल देकर उन्हें समाज में आगे बढ़ने और आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया जाएगा।
पहले राजस्थान में ‘मुख्यमंत्री राजश्री योजना’ के तहत बेटियों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती थी। दिसंबर 2023 में इस राशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया, और अब ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ के तहत इसे और बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया है। नए प्रावधानों के अनुसार, इस 1.5 लाख रुपये की राशि को 7 किस्तों में जारी किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्ची के जन्म से लेकर युवावस्था तक उसे आर्थिक सहायता मिलती रहे।
सरकार ने इस योजना को इस तरह डिजाइन किया है कि सहायता राशि बच्ची के विकास के विभिन्न चरणों में प्रदान की जाए। ये 7 किस्तें निम्नलिखित चरणों में दी जाएंगी— बच्ची के जन्म पर पहली किस्त माता-पिता को मिलेगी। बच्ची के एक वर्ष की आयु पूरी होने पर दूसरी किस्त जारी की जाएगी। बच्ची के तीन वर्ष की आयु पूरी होने पर तीसरी किस्त दी जाएगी। बच्ची के प्राथमिक शिक्षा शुरू करने पर चौथी किस्त मिलेगी। बच्ची के कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर पांचवीं किस्त प्रदान की जाएगी। बच्ची के 10वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर छठी किस्त दी जाएगी। बच्ची के 21 वर्ष की आयु पूरी करने पर अंतिम और सबसे बड़ी किस्त बेटी के स्वयं के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसी जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति की बाध्यता नहीं होगी। इस योजना में सभी वर्गों की बेटियों को शामिल किया गया है। हालांकि, पात्रता की एक अनिवार्य शर्त यह होगी कि मां राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए और बेटी का जन्म किसी सरकारी अस्पताल या जननी सुरक्षा योजना से अनुमोदित निजी अस्पताल में हुआ हो। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बेटी को जन्म से ही आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाए और उसके विकास में किसी भी प्रकार की आर्थिक बाधा न आए।
योजना के तहत दी जाने वाली संपूर्ण राशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी। पहले छह किस्तें माता-पिता या अभिभावकों के खाते में आएंगी, जबकि अंतिम और सबसे बड़ी किस्त बेटी के स्वयं के खाते में जमा की जाएगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पंजीकरण प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जाए। गर्भावस्था के दौरान मां का विवरण चिकित्सा विभाग के पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा, जिससे पंजीकरण अपने आप हो जाएगा और लाभार्थियों को अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
यदि किसी बेटी का पंजीकरण पहले से ‘राजश्री योजना’ में हो चुका है, तो उसे दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। इस योजना में पहले से पंजीकृत बेटियों को स्वतः बढ़ी हुई राशि का लाभ मिलेगा। राजश्री योजना के लाभार्थियों को अब ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ के तहत अपडेटेड दिशानिर्देशों के अनुसार राशि दी जाएगी।
महिला अधिकारिता निदेशालय और महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 1 लाख लाभार्थियों को 25 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा चुके हैं। 1.77 लाख बेटियों को योजना की पहली किस्त मिल चुकी है। योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए हर तीन महीने में जिला कलेक्टर द्वारा इसकी निगरानी की जाएगी।
राजस्थान सरकार का मानना है कि ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ से बेटियों को जन्म से लेकर युवावस्था तक आर्थिक सहायता और सुरक्षा मिलेगी। इससे न केवल बेटियों की शिक्षा और भविष्य को मजबूती मिलेगी, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना को हर जिले में प्रभावी रूप से लागू किया जाए, ताकि राजस्थान की हर बेटी आत्मनिर्भर बन सके और उसे आगे बढ़ने के लिए किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े।