JP Nadda Uttarakhand: मानवता के उत्थान में चिकित्सकों की अहम भूमिका : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा

JP Nadda Uttarakhand: मानवता के उत्थान में चिकित्सकों की अहम भूमिका : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा
ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पांचवें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने की। इस अवसर पर उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह एक विशेष अवसर होता है जो छात्रों की उपलब्धियों को मान्यता देने के साथ ही उन्हें भविष्य की जिम्मेदारियों के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर गरीब नागरिक को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि इस सदी की शुरुआत तक भारत में केवल एक एम्स था, लेकिन आज देशभर में 22 एम्स संचालित हो रहे हैं, जो केंद्र सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता को दर्शाता है। उन्होंने एम्स ऋषिकेश की उत्कृष्ट सेवाओं की सराहना करते हुए इसे देश के सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य संस्थानों में एक बताया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं का उपयोग कर गंभीर मरीजों को बचाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और ई-संजीवनी जैसी डिजिटल हेल्थ सेवाओं के माध्यम से दूरदराज क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवा रहा है।
अपने संबोधन में श्री नड्डा ने कहा कि सरकार ऐसी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली विकसित करने पर केंद्रित है जो न केवल उपचारात्मक हो बल्कि निवारक, उपशामक और पुनर्वासिक भी हो। उन्होंने बताया कि देशभर में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हो रहे हैं जो व्यापक स्वास्थ्य और कल्याण सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। बीते 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 101 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे अब देश में 780 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। एमबीबीएस सीटों में 130 प्रतिशत और पीजी सीटों में 138 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही 157 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की जा रही है जो मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थित होंगे।
श्री नड्डा ने अपने संबोधन में यह भी उल्लेख किया कि सरकार एक एमबीबीएस छात्र पर औसतन 30 से 35 लाख रुपये खर्च करती है और इसलिए प्रत्येक डॉक्टर का यह कर्तव्य है कि वह अपने करियर की शुरुआत में ही अधिक जिम्मेदारियां निभाएं। उन्होंने छात्रों से करुणा, ईमानदारी और समर्पण के साथ निःस्वार्थ भाव से सेवा करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने एम्स ऋषिकेश में स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने के लिए कई नई सुविधाओं का उद्घाटन किया। इनमें आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा सुविधा, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में पीईटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी विभाग में पीएसीएस सुविधा और बाल चिकित्सा देखभाल के लिए उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र शामिल हैं।
दीक्षांत समारोह में कुल 434 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जिनमें 98 एमबीबीएस, 95 बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग, 54 बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान, 109 एमडी/एमएस/एमडीएस, 17 एमएससी नर्सिंग, 1 एमएससी मेडिकल संबद्ध, 12 मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ, 40 डीएम/एमसीएच और 8 पीएचडी छात्र शामिल रहे। इस अवसर पर 10 मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए।
समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे। उन्होंने श्री नड्डा का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को लगातार मिल रहे सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वास्थ्य सेवाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। चाहे वह आयुष्मान भारत योजना हो या राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 का क्रियान्वयन, सभी ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि उत्तराखंड की 5000 से अधिक ग्राम सभाएं टीबी मुक्त हो चुकी हैं और राज्य के प्रत्येक जनपद में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने टेलीमेडिसिन नेटवर्क और जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाएं और इलाज उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उधम सिंह नगर जिले में एम्स ऋषिकेश का सैटेलाइट सेंटर तेज़ी से बन रहा है और यहां रोबोटिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, घुटने का प्रत्यारोपण और रेडिएशन थेरेपी जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं अब एम्स ऋषिकेश में उपलब्ध हैं। इस भव्य दीक्षांत समारोह ने न केवल नए चिकित्सकों को उनके शैक्षणिक सफर की पूर्णता का गौरव प्रदान किया, बल्कि उन्हें देश सेवा और मानवता के प्रति समर्पण की प्रेरणा भी दी।