Diwali 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को दी दीपोत्सव की शुभकामनाएँ

Diwali 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को दी दीपोत्सव की शुभकामनाएँ
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व न केवल हर्ष और उल्लास का प्रतीक हैं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक मूल्यों की अभिव्यक्ति भी हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए कहा कि धनतेरस का यह पर्व आरोग्यता के देव भगवान धन्वंतरि की पूजा का दिन है। भगवान धन्वंतरि सभी को दीर्घायु, आरोग्य और समृद्धि का आशीर्वाद दें, यही उनकी कामना है।मुख्यमंत्री ने दीपावली के पावन अवसर को सुख, समृद्धि और संपन्नता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह पर्व हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और नई आशा का संचार करता है। उन्होंने कहा कि माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश के आशीर्वाद से सभी प्रदेशवासियों के जीवन में समृद्धि, शांति और सौभाग्य का प्रकाश फैले। दीपावली का यह त्योहार केवल दीपों और रोशनी का नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। यह पर्व हमें सिखाता है कि प्रकाश सदा अंधकार पर, और अच्छाई सदा बुराई पर विजयी होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली का यह पर्व भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के पश्चात अयोध्या लौटने की स्मृति से जुड़ा हुआ है। यह उत्सव मर्यादा, सत्य और सद्भावना का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि आज भी यह पर्व हमें अपनी संस्कृति, परंपरा और मूल्यों के प्रति आस्था बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पर्व हमारे समाज की आर्थिक और सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण का प्रतीक है। इस दिन हम प्रकृति, गौ माता और धरती के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। वहीं, भैया दूज के अवसर पर उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं और बहनों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व भाई-बहन के स्नेह, मातृशक्ति के सम्मान और परिवार में एकता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने दीपावली पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ’ के संदेश को आत्मसात करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना चाहिए ताकि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार किया जा सके। स्वदेशी उत्पादों की खरीद से न केवल स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और महिला स्वयं सहायता समूहों को लाभ होता है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के कारीगरों का कौशल और परंपरा अत्यंत समृद्ध है। यहां के मिट्टी के दीये, हस्तनिर्मित सजावटी सामग्री, जैविक उत्पाद और पहाड़ी खाद्य पदार्थ देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि इस दीपावली अपने घरों को स्वदेशी उत्पादों से सजाएँ, ताकि किसी अन्य परिवार के घर में भी खुशियों के दीप जल सकें और सबके जीवन में समृद्धि का प्रकाश फैले।