Devbhoomi Rajat Utsav 2025: राज्य आंदोलनकारियों और मातृशक्ति को समर्पित रजत जयंती उत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी श्रद्धांजलि, कुंभ 2027 में गुणवत्ता पर जोर
Devbhoomi Rajat Utsav 2025: राज्य आंदोलनकारियों और मातृशक्ति को समर्पित रजत जयंती उत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी श्रद्धांजलि, कुंभ 2027 में गुणवत्ता पर जोर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में आयोजित देवभूमि रजत उत्सव 2025 में प्रतिभाग करते हुए राज्य आंदोलनकारियों और मातृशक्ति को भावांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह रजत जयंती उत्सव केवल एक समारोह नहीं, बल्कि उन वीरों को नमन करने का अवसर है, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन उत्तराखंड की आत्मा, उसकी संघर्ष गाथा और अदम्य इच्छाशक्ति को याद करने का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्ष 2000 में जब उत्तराखंड अस्तित्व में आया, तब यह नवगठित राज्य अनेक भौगोलिक और आर्थिक चुनौतियों से घिरा हुआ था। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद देवभूमि की जनता ने विकास की राह पर कदम बढ़ाने का संकल्प लिया। आज 25 वर्षों बाद, उत्तराखंड ने न केवल इन चुनौतियों को पार किया है, बल्कि विकास के नए मानक स्थापित कर देशभर में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पहचान केवल प्राकृतिक सौंदर्य तक सीमित नहीं, बल्कि इसकी समृद्ध संस्कृति, लोक परंपराओं और गहरी आस्था में निहित है। उन्होंने कहा कि देवभूमि रजत उत्सव हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है, जो यह संदेश देता है कि उत्तराखंड अपनी परंपराओं के साथ आधुनिकता की ओर भी तेज़ी से अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार गांवों से लेकर शहरों तक, किसानों, युवाओं, मातृशक्ति और श्रमिकों के उत्थान के लिए योजनाएं बना रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में तेजी से कार्य हो रहे हैं। लोकल फॉर वोकल, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं के माध्यम से विकसित उत्तराखंड और विकसित भारत के लक्ष्य को साकार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने अपने चार वर्षों के कार्यकाल में लिए गए कई कठोर निर्णयों को जनहित में बताया। उन्होंने धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा रोधी कानून, लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद और नकल विरोधी कानून का उल्लेख किया। साथ ही समान नागरिक संहिता लागू करने, अवैध मदरसों पर कार्रवाई और ऑपरेशन कालनेमि जैसे अभियानों की उपलब्धियों का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार के चहुंमुखी विकास के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है। शहर में 186 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज नेटवर्क और 187 करोड़ रुपये की पेयजल परियोजनाएं चल रही हैं। लालढांग क्षेत्र में मॉडल डिग्री कॉलेज की स्थापना की गई है, वहीं हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।

उन्होंने कहा कि सरकार धर्मनगरी हरिद्वार को काशी विश्वनाथ और उज्जैन महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर के रूप में विकसित कर रही है। इसकी डीपीआर तैयार हो चुकी है। साथ ही हेलीपोर्ट निर्माण, हरकी पैड़ी से मां चंडी देवी तक रोपवे और लालढांग क्षेत्र में पुल निर्माण की योजनाएं भी प्रगति पर हैं।
मुख्यमंत्री ने 2027 के कुंभ मेले की तैयारियों पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। किसी भी अधिकारी या संस्था द्वारा लापरवाही बरती गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार हरिद्वार को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

देवभूमि रजत उत्सव के दौरान परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने को मिला, जब एक एआई रोबोट ने मंच से “डिजिटल इंडिया” की सफलता गाथा सुनाई। रोबोट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया पहल की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए भारत की तकनीकी प्रगति का परिचय दिया। उपस्थित लोगों ने तालियों की गूंज के साथ इस अनूठी प्रस्तुति का स्वागत किया।
इस अवसर पर हरिद्वार मेयर किरण जैसल, रुड़की मेयर अनीता अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, राज्य मंत्री विनय रुहेला, सुनील सैनी, श्यामवीर सैनी, शोभाराम प्रजापति, ओमप्रकाश जमदग्नि, अजीत सिंह, ब्लॉक प्रमुख कविंद्र, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, रुड़की जिलाध्यक्ष डॉ. मधु सिंह, शिवालिक नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।