• October 14, 2025

Dehradun Zoo:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जू में वन्य जीव प्राणी सप्ताह का शुभारंभ किया

 Dehradun Zoo:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जू में वन्य जीव प्राणी सप्ताह का शुभारंभ किया
Sharing Is Caring:

Dehradun Zoo:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जू में वन्य जीव प्राणी सप्ताह का शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून जू में राज्य में वन्य जीव प्राणी सप्ताह का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में वन्य जीवों के हमले के दौरान होने वाली जनहानि पर मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाएगा, ताकि प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान की जा सके। मुख्यमंत्री ने वन्य जीवों को हमारी आस्था, संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि हमारे देवी-देवताओं के वाहन और प्रतीक इस सह-अस्तित्व का संदेश देते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मां दुर्गा का वाहन शेर, गणेश का वाहन मूषक, मां सरस्वती का हंस, भगवान कार्तिकेय का मोर, लक्ष्मी का उल्लू और महादेव के कंठ पर विराजमान नागराज तथा उनके साथ बैठे नंदी हमारी सनातन संस्कृति में मानव और जीव-जगत के बीच एकात्म भाव के प्रतीक हैं।

558962370 1109379994698364 5017784197448047270 n

मुख्यमंत्री ने राज्य की वन संपदा का विवरण देते हुए कहा कि उत्तराखंड की लगभग 14.77 प्रतिशत भूमि संरक्षित क्षेत्र के रूप में है, जिसमें 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्यजीव विहार और 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्र शामिल हैं, जबकि पूरे देश में यह अनुपात मात्र 5.27 प्रतिशत है। यह स्पष्ट करता है कि उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की हरियाली और जंगलों में विचरण करते वन्य जीव देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और राज्य सरकार वन्य जीवों की सुरक्षा तथा प्राकृतिक स्वरूप को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

557595224 1109380211365009 8320549775325280818 n

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार इकोनॉमी, इकोलॉजी और टेक्नोलॉजी के बीच संतुलन बनाए रखते हुए विकास और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने वन विभाग से कहा कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक नए पर्यटन स्थल की पहचान कर उसे विकसित किया जाए, जिससे पर्यटक आकर्षित हों और प्राकृतिक स्वरूप सुरक्षित रहे। इसके लिए नए इको-टूरिज्म मॉडल पर काम किया जा रहा है, ताकि लोग जंगलों से जुड़े, लेकिन प्रकृति को नुकसान न पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सामूहिक प्रयासों के कारण बाघ, गुलदार, हाथी और हिम तेंदुए जैसी दुर्लभ प्रजातियों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। वन विभाग को ड्रोन और जीपीएस तकनीक से लैस किया जा रहा है, ताकि वन्य जीवों की निगरानी और सुरक्षा को और प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के नए अवसर पैदा करने की दिशा में भी जोर दिया, जिससे वे जंगलों और वन्य जीवों की सुरक्षा में सक्रिय भागीदार बन सकें।

557590667 1109380328031664 250032475339068523 n

मुख्यमंत्री ने कहा कि “सीएम यंग ईको-प्रिन्योर” योजना के तहत एक लाख युवाओं को पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण से जुड़े कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के तहत नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वन्य जीव फोटोग्राफर और ईकोटूरिज्म आधारित रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रत्येक जिले में छात्रों के लिए इको क्लब के माध्यम से वन्य जीवों और पर्यावरण पर शैक्षिक यात्रा आयोजित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने पर्यटकों से आह्वान किया कि जब वे जंगल सफारी या किसी धार्मिक पर्यटन स्थल पर जाएं तो गंदगी न फैलाएं और प्राकृतिक वातावरण का संरक्षण करें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट” के संदेश को साझा करते हुए इसे सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि धरती मां को बचाने का मंत्र बताया।

इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, कृषि मंत्री गणेश जोशी, राज्य सभा सांसद नरेश बसंल, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव रंजन कुमार मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Sharing Is Caring:

Admin

https://nirmanshalatimes.com/

A short bio about the author can be here....

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *