Cyber Crime Prevention: उत्तराखंड पुलिस साइबर अपराध रोकने व्लॉगरों के साथ कर रही जागरूकता अभियान
Cyber Crime Prevention: उत्तराखंड पुलिस साइबर अपराध रोकने व्लॉगरों के साथ कर रही जागरूकता अभियान
हल्द्वानी। उत्तराखंड पुलिस ने बढ़ते साइबर अपराध और ऑनलाइन ठगी के मामलों को रोकने के लिए एक अनोखा प्रयास शुरू किया है। पुलिस अब प्रदेश के लोकप्रिय व्लॉगरों की मदद से लोगों को साइबर ठगी और डिजिटल अपराध के खतरों के प्रति जागरूक कर रही है। इस पहल का उद्देश्य आम नागरिकों को सुरक्षित इंटरनेट उपयोग और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के प्रति सतर्क बनाना है।
त्योहारी सीजन में ऑनलाइन ठगी की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने जागरूकता अभियान को और तेज कर दिया है। इस अभियान में चर्चित व्लॉगर पवन पहाड़ी और तनु रावत की मदद से वीडियो तैयार किए गए हैं, जिनमें बताया गया है कि कैसे साइबर ठग लोगों को बैंक विवरण, आधार कार्ड, एफडी और अन्य निजी जानकारी देने के लिए मजबूर करते हैं और डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर बड़ी रकम ऐंठ लेते हैं।
कुछ समय पहले अल्मोड़ा जिले के लोकप्रिय व्लॉगर संदीप बिष्ट ने भी पहाड़ी भाषा में लोगों को समझाया कि कॉल आने पर तुरंत भरोसा न करें। उन्होंने कहा कि बैंक से जुड़ी कोई भी जानकारी या लिंक गलती से भी न खोलें और संदिग्ध कॉल मिलने पर तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन या नजदीकी पुलिस थाने में रिपोर्ट करें। पुलिस की ओर से लोगों को विशेष रूप से यह निर्देश दिया गया है कि किसी को भी बैंक विवरण, ओटीपी, पैन कार्ड नंबर फोन पर साझा न करें, ऐप डाउनलोड करते समय स्रोत की सत्यता जांचें और संदिग्ध गतिविधि पर साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।
हरिद्वार पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए कंटेंट का इस्तेमाल करते हुए आम नागरिकों को संदेश दिया कि साइबर फ्रॉड की स्थिति में 1930 पर कॉल करें। मेरठ के वायरल वीडियो ‘दस रुपये वाला बिस्किट कितने का है जी’ के जरिए हरिद्वार पुलिस ने लोगों को साइबर हेल्पलाइन की जानकारी दी और स्पष्ट किया कि साइबर अपराध की शिकायत के लिए 1930 ही डायल करना होगा।
इस अभियान से उत्तराखंड पुलिस ने यह संदेश दिया है कि साइबर अपराध को रोकने में तकनीक, जागरूकता और सहयोग तीनों आवश्यक हैं। व्लॉगरों की मदद से आम जनता को सीधे और प्रभावी तरीके से चेतना प्रदान की जा रही है, ताकि वे ऑनलाइन ठगी और अन्य साइबर खतरों से सुरक्षित रह सकें।