Uttarakhand: विकसित उत्तराखंड के लिए ग्राम से जनपद तक व्यापक योजना: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Uttarakhand: विकसित उत्तराखंड के लिए ग्राम से जनपद तक व्यापक योजना: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड को विकसित भारत के विजन 2047 के अनुरूप आकार देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों को वर्चुअल बैठक के माध्यम से निर्देशित किया कि राज्य में समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की जाए और उसे मुख्यधारा से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2047 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को उत्तराखंड के स्तर पर पूर्ण रूप से साकार करने हेतु ग्राम स्तर से जनपद स्तर तक एक सुव्यवस्थित और स्पष्ट कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी यह आकलन करें कि उनके जिले का वर्ष 2047 तक क्या स्वरूप होगा और उस दिशा में तत्काल प्रभाव से ठोस कार्रवाई आरंभ की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर तबके तक कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच और प्रभावशीलता को प्राथमिकता दे रही है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में जनहित से जुड़े कम-से-कम पांच नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर कार्य करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि राज्य के पहले तीन टीबी-मुक्त जिलों को विशेष रूप से पुरस्कृत किया जाएगा।
धामी ने आगामी मानसून सीजन को देखते हुए सभी जिलों को सतर्कता बरतने और समुचित तैयारियों के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारत मौसम विभाग ने इस बार औसत से अधिक वर्षा की चेतावनी दी है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि नालों की सफाई मानसून शुरू होने से पहले पूरी हो जाए। साथ ही, पेयजल, विद्युत आपूर्ति और सड़कों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाए। जलाशयों और पानी की टंकियों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए, ताकि डेंगू, मलेरिया और अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन को लेकर भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। सभी जिलों में टोल-फ्री आपात नंबर सक्रिय किए जाएं ताकि आम नागरिक संकट की स्थिति में त्वरित सहायता प्राप्त कर सकें। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग पर विशेष निगरानी, यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा को और मजबूत करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी जिलों में व्यापक जागरूकता अभियान और बड़े स्तर पर योग शिविरों का आयोजन किया जाए। 15 जून को कैंची धाम स्थापना दिवस के अवसर पर ट्रैफिक और पार्किंग की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने अवैध रूप से बनाए गए दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और राशन कार्ड के खिलाफ अभियान को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ 1064 हेल्पलाइन के प्रचार-प्रसार के लिए सभी सरकारी कार्यालयों में स्पष्ट रूप से बोर्ड और बैनर लगाए जाएं और जनता को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के लिए जागरूक किया जाए।
स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों के प्रचार पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक जनपद-दो उत्पाद’ योजना पर विशेष ध्यान दिया जाए और सरकारी आयोजनों में इन उत्पादों का अधिकतम उपयोग हो। वर्षा जल संचयन को लेकर जिलाधिकारियों को ठोस प्रयास करने का निर्देश दिया गया। साथ ही वनाग्नि प्रबंधन के लिए सुरक्षात्मक उपायों को प्राथमिकता देने को कहा गया।
इस उच्च स्तरीय बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत समेत सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने बैठक में पारदर्शिता, नवाचार, आपदा प्रबंधन और समावेशी विकास की दिशा में सभी जिलों को एकजुट होकर कार्य करने की अपील की।