Uttarakhand: कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ पर सख्त एक्शन मोड में सीएम धामी, स्थायी प्रबंधन व्यवस्था के निर्देश

Uttarakhand: कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ पर सख्त एक्शन मोड में सीएम धामी, स्थायी प्रबंधन व्यवस्था के निर्देश
उत्तराखंड के लोकप्रिय आध्यात्मिक केंद्र कैंची धाम में लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक कर कड़े निर्देश दिए हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित इस बैठक में उन्होंने कैंची धाम मेले के सफल संचालन के लिए तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि भीड़ प्रबंधन, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि तात्कालिक उपायों से मौजूदा भीड़ नियंत्रण और यातायात सुचारु रूप से संचालित हो, वहीं दीर्घकालिक रणनीतियों के जरिए एक स्थायी और मजबूत व्यवस्था तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने भवाली क्षेत्र की ओर श्रद्धालुओं के बढ़ते दबाव को देखते हुए सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप के आगे तक लगभग तीन किलोमीटर के मार्ग की कटिंग कार्य को युद्ध स्तर पर शीघ्र पूरा करने के आदेश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह सड़क मार्ग श्रद्धालुओं की आवक और ट्रैफिक संचालन की रीढ़ है, ऐसे में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बैठक में जानकारी दी कि कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बीते कुछ वर्षों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। पहले जहां प्रतिवर्ष औसतन 8 लाख श्रद्धालु आते थे, वहीं पिछले वर्ष यह आंकड़ा 24 लाख पार कर गया। इस वर्ष यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है, विशेषकर मेला सीजन में 2.5 से 3 लाख श्रद्धालु पहुंच सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कैंची धाम की धारण क्षमता सीमित है, जबकि मेले के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या इसकी क्षमता से कई गुना अधिक हो जाती है। इसलिए ट्रैफिक प्रबंधन, पार्किंग व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण को लेकर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है।
भविष्य की दृष्टि से जिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि कैंची धाम में दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था लागू की जाए और एक दिन में दर्शन करने वालों की अधिकतम सीमा निर्धारित की जाए, ताकि यह यात्रा सभी के लिए सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुगम बनी रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने इस पर गंभीरता से विचार करने और जल्द संभावित कार्यवाही की बात कही। बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने सहमति जताई कि कैंची धाम जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की लोकप्रियता को देखते हुए स्मार्ट मैनेजमेंट सिस्टम अब समय की आवश्यकता बन गया है।
बैठक में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, वर्चुअल माध्यम से आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल, एसएसपी नैनीताल पी.एस. मीना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री के निर्देशों से स्पष्ट है कि कैंची धाम को लेकर सरकार अब सतर्क मोड में है और यहां के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए भविष्य में एक नए मॉडल तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।