Uttarakhand: सीएम धामी ने जनप्रतिनिधियों से किया संवाद, महिला सशक्तिकरण से लेकर शहरी विकास तक रखे भविष्य के संकल्प
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में आयोजित शहरी संवाद कार्यक्रम में प्रदेश के सभी नगर निगम महापौर और नगर पालिका अध्यक्षों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें जनसेवा के मिशन से जुड़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधि केवल पद पर बने रहने की नहीं, बल्कि जनता की सेवा की जिम्मेदारी को निभाने के लिए चुने जाते हैं। सीएम धामी ने नगर निकायों को सेवा केंद्रों के रूप में विकसित करने, पारदर्शिता और ईमानदारी को प्रशासनिक मूल्यों में सर्वोपरि रखने तथा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आह्वान किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता हेतु तीन नए वेब पोर्टल लॉन्च किए। साथ ही नगर निकाय कार्यालयों के डिजिटलीकरण, वेंडिंग जोन निर्माण, रजत जयंती पार्क की स्थापना और केंद्र सरकार से टाइड फंड को अनटाइड करने का अनुरोध करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य के प्रत्येक नगर निगम में 10, नगर पालिका में 5 और नगर पंचायत में 3 हाईटेक हेयर सैलून/पार्लर स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए स्थानीय महिलाओं और पुरुषों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर मिलें।
सीएम धामी ने कहा कि नगर निगम और नगर पालिकाएं शहरों की आत्मा हैं और यह केवल बुनियादी सुविधाएं ही नहीं, बल्कि शहरों की दिशा और दशा तय करने का कार्य भी करती हैं। उन्होंने नगर निकायों को कचरा प्रबंधन, जल निकासी, ट्रैफिक जाम और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर प्राथमिकता के साथ कार्य करने को कहा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इन चुनौतियों से निपटने में नगर निकायों को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन, अमृत योजना, स्मार्ट सिटी मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड में भी इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार “विकास भी, विरासत भी” के मंत्र को अपनाकर सांस्कृतिक धरोहरों को भी सहेजने का कार्य कर रही है।
सीएम धामी ने मातृ शक्ति की सराहना करते हुए कहा कि महिलाएं राज्य की सबसे बड़ी ताकत हैं। उनके बनाए उत्पाद आज मल्टीनेशनल कंपनियों के उत्पादों से बेहतर साबित हो रहे हैं और उन्हें नए बाजार भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड सतत विकास के लक्ष्यों की दिशा में देश में अग्रणी राज्य बन चुका है। बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की रिकॉर्ड कमी दर्ज की गई है और 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं। उन्होंने समान नागरिक संहिता, सख्त भू-कानून, नकल विरोधी कानून और भ्रष्टाचार पर कार्यवाही का भी उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है। राज्य की सांस्कृतिक अस्मिता को संरक्षित रखने के साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्था को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के लिए ट्रिपल इंजन सरकार कार्यरत है।
कार्यक्रम में देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल, सभी नगर निगमों के महापौर, नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, सचिव नितेश कुमार झा, नगर आयुक्त नमामि बंसल, शहरी विकास विभाग के अधिकारी और 100 से अधिक स्थानीय निकाय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने इन सभी से मिलकर उत्तराखंड के शहरी विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का आह्वान किया।