चीन ने पहली बार माना गलवान घाटी में मारे गए थे उसके जवान, चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट
चीन ने पहली बार माना गलवान घाटी में मारे गए थे उसके जवान, चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट साफ़ हुई बात।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच मई 2020 से तनातनी का मामूल है। अब दोनों देशों के धीरे-धीरे समझौते पर बात बन रही है। अब जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया का निर्णायक चरण चल रहा है तो चीन ने पहली बार कुबूल किया है कि गलवान घाटी में हुए खूनी झड़प में उसके सैनिक भी मारे गए थे। ड्रैगन ने खूनी झड़प के दौरान मारे गए अपने 5 सैनिकों की जानकारी भी दी है। ज्ञात हो इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।
ग्लोबल टाइम्स की खबर से मिली जानकारी-
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबित, चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने काराकोरम पर्वत पर तैनात रहे 5 चीनी सैनिकों के बलिदान को याद किया है। इनके नाम हैं- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजीमेंटल कमांडर क्यूई फबाओ, चेन होंगुन, जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग जुओरन। चार सैनिकों की मौत जहां झड़प के दौरान हुई वहीं एक की रेस्क्यू के वक्त नदी में बहने से हुई थी। हालांकि ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि चीन ने गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों का आंकड़ा बहुत कम बताया है।
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पिछले दिनों भारतीय सेना की उत्तरी कमान के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई० के० जोशी ने बताया था कि गलवान घाटी की झड़प के बाद 50 चीनी सैनिकों को वाहनों के जरिए ले जाया गया था। झड़प में चीनी सेना के काफी सैनिक मारे जाने का अंदेशा जताया था। जनरल जोशी के अनुसार चीनी सैनिक 50 से ज्यादा जवानों को वाहनों में ले जा रहे थे।
चीन पर अभी भी सही आंकड़ा छुपाने का आरोप-
उन्होंने कहा कि रूसी न्यूज एजेंसी TASS ने चीन के 45 जवानों के मारे जाने की बात कही थी और हमारा अनुमान भी इसी के इर्द गिर्द ही है। बता दें कि पिछले साल जून में गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन के भी काफी सैनिक मारे जाने की खबर थी पर चीन ने इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी थी। अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट ने रहस्य से पर्दा हटा दिया है और चीन के 5 जवानों की मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि फिरभी अभी चीन पर सही आंकड़े छिपाने का आरोप लग रहा है।