Anand Bardhan Meeting: न्यायालयीन मामलों की प्रभावी पैरवी हेतु मुख्य सचिव की पहल, विभागों को नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश

Anand Bardhan Meeting: न्यायालयीन मामलों की प्रभावी पैरवी हेतु मुख्य सचिव की पहल, विभागों को नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश
देहरादून। राज्य सरकार की न्यायालयों में चल रहे मामलों में प्रभावी एवं समयबद्ध पैरवी सुनिश्चित करने हेतु मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सरकारी अधिवक्ताओं के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक का उद्देश्य न्यायालयीन मामलों में सरकार की स्थिति को मजबूत करना तथा विभाग, शासन और सरकारी अधिवक्ताओं के बीच समन्वय को सशक्त बनाना था।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन विभागों के विरुद्ध न्यायालयों में सर्वाधिक मामले विचाराधीन हैं, उन प्रमुख विभागों में नोडल अधिकारी नामित किए जाएं। यह नोडल अधिकारी विभाग, शासन और अधिवक्ता के बीच समन्वय बनाएंगे तथा प्रत्येक प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत रहेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि संबंधित मामले में आवश्यक जानकारी के लिए संपर्क किससे करना है, यह स्पष्ट रहे और समय की बचत हो।
श्री बर्द्धन ने कहा कि कई बार गलत विभाग को पक्ष बनाए जाने के कारण न्यायालयीन कार्यवाही अनावश्यक रूप से प्रभावित होती है, जिससे न केवल समय की हानि होती है, बल्कि राज्य की छवि पर भी प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए एक सुनियोजित सिस्टम और मैकेनिज्म विकसित किया जाए, ताकि किसी भी केस को लेकर भ्रम की स्थिति न रहे और उचित रणनीति के तहत उसकी पैरवी की जा सके।
मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि सभी न्यायालयीन मामलों की समुचित डिजिटल ट्रैकिंग के लिए एक ऐप या सॉफ्टवेयर विकसित किया जाए, जिसमें सभी केसों की स्थिति, तारीख, पक्षकार, पैरवी की स्थिति, एवं आगामी कार्यवाही की सूचनाएं दर्ज हों। इससे संबंधित अधिकारी एवं अधिवक्ता तत्काल सूचनाओं तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगे और केस की तैयारी समयबद्ध रूप से संभव हो सकेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि शासन स्तर पर बड़े एवं संवेदनशील मामलों की मजबूत और रणनीतिक पैरवी सुनिश्चित की जाए ताकि राज्यहित में शीघ्र समाधान संभव हो सके।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, सचिव श्री शैलेश बगौली, एडीजी डॉ. वी. मुरुगेशन, श्री ए.पी. अंशुमान, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत सिन्हा, श्री युगल किशोर पंत सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं सरकारी अधिवक्ता उपस्थित रहे। बैठक में सभी ने समन्वय व्यवस्था को और सशक्त करने पर सहमति व्यक्त की तथा तकनीकी माध्यमों के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।