Free Coaching for Students: कमजोर वर्ग के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग योजना की गुणवत्ता बेहतर बनाने पर मुख्य सचिव ने जोर दिया

Free Coaching for Students: कमजोर वर्ग के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग योजना की गुणवत्ता बेहतर बनाने पर मुख्य सचिव ने जोर दिया
आज सचिवालय सभागार में कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग योजना की समीक्षा बैठक मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को सख्त निर्देश दिए कि निःशुल्क कोचिंग योजना की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए और इसका वास्तविक परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों का चयन पूरी तरह से पारदर्शी और स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से होना चाहिए और कोचिंग का समय इस प्रकार निर्धारित किया जाए कि छात्र अपनी सुविधा और अध्ययन की तैयारी के अनुसार लाभ उठा सकें।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि योजना में कोई खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए और सभी प्रक्रियाओं को शीघ्रता से पूरा किया जाना चाहिए ताकि छात्रों को समय पर लाभ मिल सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि योजना के प्रत्येक चरण की निगरानी सुनिश्चित की जाए और इसका आउटकम स्पष्ट हो।
इस अवसर पर निदेशक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती ने बैठक में जानकारी दी कि इस वर्ष लगभग 10 हजार छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि कक्षा 11 में अध्ययनरत छात्रों को दो वर्ष की कोचिंग दी जाएगी जबकि कक्षा 12 पास कर चुके छात्रों को एक वर्ष की कोचिंग दी जाएगी। कोचिंग कार्यक्रम आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम के अनुरूप आयोजित किया जाएगा और इसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी।
इसके अतिरिक्त, निदेशक शिक्षा ने यह भी बताया कि विशेष रूप से मेधावी छात्रों के लिए छह वर्ष की एडवांस कोचिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे उच्च स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव मनुज गोयल और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे और उन्होंने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सुझाव साझा किए।
मुख्य सचिव ने बैठक के अंत में अधिकारियों से कहा कि योजना की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर प्रगति की समीक्षा की जाए और योजना के सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जाए। उन्होंने छात्रों के हित को सर्वोपरि रखते हुए कोचिंग कार्यक्रम में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया।