Uttarakhand Highways: मुख्य सचिव ने की राष्ट्रीय राजमार्गों की समीक्षा बैठक, तय की विकास कार्यों की टाइमलाइन

Uttarakhand Highways: मुख्य सचिव ने की राष्ट्रीय राजमार्गों की समीक्षा बैठक, तय की विकास कार्यों की टाइमलाइन
देहरादून में आज मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश के अंतर्गत आने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों की वर्तमान स्थिति, प्रगति और भविष्य की योजना पर गहन चर्चा की गई। बैठक में एनएच पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे सड़क विकास कार्यों की स्थिति का बारीकी से मूल्यांकन किया गया।
मुख्य सचिव ने विशेष रूप से एनएच पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर मौजूद बॉटलनेक को चिन्हित कर, उन्हें शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वन एवं वन्यजीव संस्तुतियों के लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण हेतु केंद्र और राज्य स्तर पर लगातार अनुवर्तन किया जाए। साथ ही जिलाधिकारियों और वन विभाग के साथ संयुक्त बैठकें आयोजित कर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा गया।
ऋषिकेश बाईपास के विस्तार को लेकर उन्होंने ऋषिकेश से शिवपुरी तक बायपास बढ़ाए जाने की कार्यवाही शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कलियासौड़ और जोशीमठ बाईपास रिअलाइनमेंट कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए इन कार्यों के लिए स्पष्ट टाइमलाइन तय करने को कहा गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन कार्यों को समानांतर शुरू किया जा सकता है, उन्हें समय से आरंभ किया जाए ताकि देरी से बचा जा सके।
बैठक में एनएचएआई के अधीन विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा भी की गई, जिनमें बल्लुपुर–पांवटा साहिब पैकेज 1 और 2, झाझरा–आशारोड़ी 4 लेन और हरिद्वार बाईपास जैसी प्रमुख परियोजनाएं शामिल रहीं। मुख्य सचिव ने इन कार्यों को भी निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने जानकारी दी कि प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 3589.99 किलोमीटर है। इनमें एनएच पीडब्ल्यूडी के अधीन 2028.19 किमी, बीआरओ के अधीन 986.8 किमी, एनएचआईडीसीएल के पास 130 किमी और एनएचएआई के अधीन 445 किमी की सड़कों का प्रबंधन है। चारधाम यात्रा मार्ग के 53 में से 47 कार्य स्वीकृत हो चुके हैं, जिनमें से 42 कार्यों को अवार्ड किया जा चुका है और 30 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 12 कार्य अभी निर्माणाधीन हैं जबकि शेष कार्यों की स्वीकृति और टेंडर प्रक्रियाएं जारी हैं।