Uttarakhand: सुरक्षित और व्यवस्थित कांवड़ मेला संपादन के लिए मुख्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश, सभी विभागों को समयबद्ध तैयारी का आदेश

Uttarakhand: सुरक्षित और व्यवस्थित कांवड़ मेला संपादन के लिए मुख्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश, सभी विभागों को समयबद्ध तैयारी का आदेश
हरिद्वार में इस वर्ष 11 जुलाई से 23 जुलाई तक आयोजित होने वाले कांवड़ मेले को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने संबंधित विभागों और कार्यदायी संस्थाओं को सख्त निर्देश दिए हैं। इस उद्देश्य को लेकर उन्होंने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी और टिहरी जनपदों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और अन्य उच्चाधिकारी शामिल हुए।
मुख्य सचिव ने बैठक में स्पष्ट किया कि इस बार की कांवड़ यात्रा व्यवस्था में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पेयजल, साफ-सफाई, शौचालय, पार्किंग, यातायात, सुरक्षा और खानपान जैसी मूलभूत सुविधाओं की तैयारी समयबद्ध और मानकों के अनुरूप की जानी चाहिए। किसी भी विभाग या एजेंसी द्वारा लापरवाही पाई जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने विशेष रूप से नगर निकायों को निर्देशित किया कि मेला क्षेत्र में नियमित सफाई की जाए और पर्याप्त संख्या में शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जल संस्थान को निर्देश दिया गया कि पेयजल की आपूर्ति में किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं आना चाहिए। वहीं, फूड सेफ्टी विभाग को निर्देश दिए गए कि खानपान की वस्तुओं की गुणवत्ता की लगातार निगरानी की जाए और पूर्ति विभाग को ओवर रेटिंग पर नियंत्रण रखने को कहा गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि मेला क्षेत्र में बड़े डीजे साउंड पर प्रतिबंध रहेगा और नशा कर उत्पात मचाने वालों, हिंसा फैलाने वालों या मेले की व्यवस्था में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को पहले से रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार ने बैठक में बताया कि कांवड़ मेला प्रबंधन को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टरों में विभाजित किया गया है ताकि भीड़ पर प्रभावी नियंत्रण और निगरानी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यातायात व्यवस्था के लिए रूट डाइवर्जन प्लान, स्थायी और अस्थायी पार्किंग व्यवस्था तथा इमरजेंसी सेवाओं की व्यवस्था का विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया।
बैठक में देहरादून, पौड़ी और टिहरी जिलों के अधिकारियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में तैयारियों और बजटीय आवश्यकताओं की जानकारी दी। सिंचाई विभाग को निर्देश दिए गए कि स्नान घाटों और पुलों की साफ-सफाई और सुरक्षा के विशेष इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं।
इस बार कांवड़ मेला कई महत्वपूर्ण तिथियों को समेटे हुए है। पंचक अवधि 13 से 17 जुलाई तक, डाक कांवड़ यात्रा 20 से 23 जुलाई तक और जलाभिषेक (श्रावण शिवरात्रि) 23 जुलाई को होगा, जो भारी भीड़ का अनुमान दर्शाता है। इस दौरान कुशल योजना, प्रबंधन और समन्वय के साथ व्यवस्था सुनिश्चित करना सभी विभागों की प्राथमिक जिम्मेदारी होगी।
मुख्य सचिव ने अंततः निर्देशित किया कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं से संबंधित अंतरजनपदीय मुद्दों को समय रहते समन्वय के साथ सुलझाया जाए ताकि मेले के संचालन में कोई बाधा उत्पन्न न हो। बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन, गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, महानिरीक्षक के.एस. नग्नयाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।