Women Empowerment Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीनगर में सहकारिता मेले में भाग लिया, स्थानीय उत्पादों व महिला उद्यमिता को मजबूत करने पर दिया जोर

Women Empowerment Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीनगर में सहकारिता मेले में भाग लिया, स्थानीय उत्पादों व महिला उद्यमिता को मजबूत करने पर दिया जोर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज आवास विकास मैदान, श्रीनगर में आयोजित सहकारिता मेले में प्रतिभाग कर वहाँ लगे स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण किया और काश्तकारों तथा स्वयं सहायता समूहों के समर्पित काम की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ना और उन्हें प्रोत्साहित करना आत्मनिर्भर उत्तराखंड के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने मेले को सहकारिता की भावना का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह पहल ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण को नया आयाम देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता आंदोलन सामाजिक एकता, सहयोग और आंशिक स्वावलंबन का आधार है। यह न केवल आर्थिक सहयोग का माध्यम है, बल्कि समाज को जोड़ने और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने का सबसे असरदार रास्ता भी है। उन्होंने बताया कि यह मेला स्वयं सहायता समूहों और महिला उद्यमियों को अपने उत्पादों के लिए व्यापक मंच उपलब्ध कराते हुए उनके व्यवसाय को बढ़ावा देगा और नई संभावनाएँ खोल देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवन पद्धति का अभिन्न अंग है और इस भावना में “वसुधैव कुटुम्बकम” की प्रतिच्छाया दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है तथा केंद्र सरकार ने सहकारी से समृद्धि के लक्ष्य को साकार करने हेतु अलग सहकारी मंत्रालय का गठन किया है।
प्रशासनिक सुधारों और डिजिटलरण पर बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त करने के लिए अब तक 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा किया जा चुका है। 13 जनपदों की 5,511 समितियों में से 3,838 समितियों के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर अपलोड कर ऑनलाइन किए जा चुके हैं, जिससे पारदर्शिता और संचालन क्षमता में वृद्धि आई है।
कृषि समर्थन और वित्तीय सहायता के संदर्भ में उन्होंने कहा कि गत वर्ष की तुलना में मंडुवा की खरीद दर में रुपये 5.50 प्रति किलो की वृद्धि करके अब इसे रुपये 48.86 प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के माध्यम से कृषि कार्यों हेतु किसानों को रुपये 3 लाख तक एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को रुपये 5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के सहकारी बैंकों में रुपये 16 हजार करोड़ की सहकारी पूंजी जमा है, जो जनता के विश्वास का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
स्वयं सहायता समूहों और महिला उद्यमिता के महत्व पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “लखपति दीदी” अभियान के माध्यम से महिला उद्यमियों को नई दिशा मिल रही है और राज्य की महिलाएँ प्रधानमंत्री के उक्त कथन “इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा” को उच्च गुणवत्ता उत्पादों के माध्यम से साकार कर रही हैं।
बुनियादी सुविधाओं के वादों में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर में सीवर लाइन एवं पेयजल आपूर्ति की डीपीआर प्राप्त होते ही उसे तत्काल स्वीकृति दी जाएगी, जिससे नगर में पंद्रह घंटे तक निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शक्ति स्वयं सहायता समूह पाबौ को बागवानी के लिए, उड़ान स्वयं सहायता समूह पाबौ को मुर्गीपालन के लिए, सवेरा स्वयं सहायता समूह पलिगांव पाबौ को दोना-पत्तल निर्माण हेतु, महादेव स्वयं सहायता समूह पैठाणी को मुर्गीपालन हेतु तथा जयहरीखाल के मालन स्वयं सहायता समूह को बद्री गाय पालन हेतु प्रत्येक को रुपये 5-5 लाख के चेक वितरित किए। इसके अतिरिक्त वसुंधरा स्वायत्त सहकारिता पसीणा तथा जय भोलेनाथ स्वायत्त सहकारिता कंडेरी को कृषि विभाग की एसएमएएम योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों के लिए रुपये 4-4 लाख के चेक प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने गुच्छी उत्पादन तकनीक के लिए नवीन पटवाल को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पहलों से स्थानीय कारीगरों, महिला उद्यमियों और किसानों को सीधे लाभ मिलेगा, उनके उत्पाद बाजार तक पहुँचेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था सशक्त होगी। उन्होंने आयोजकों, जिला प्रशासन तथा सहकारी संस्थाओं को बेहतर बाज़ार सुविधाएँ और प्रशिक्षण के तहत प्रशिक्षण व मार्गदर्शन देने के लिए प्रेरित किया ताकि उत्पादों की गुणवत्ता और विपणन क्षमता दोनों में सुधार हो सके।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित सहकारिता से जुड़े अनेक प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और संवाद सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें सहभागी समूहों ने अपने अनुभव साझा किए।